इलाहाबाद हाईकोर्ट में समस्याएं झेल रहे अधिवक्ता, बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
काजलिस्ट का प्रकाशन शुरू करने की मांग मुख्य न्यायाधीश से की
यह भी कहा गया है कि अनलिस्टेड केस की 25 की सीमा हटाई जाय और लेफ्ट ओवर या पास ओवर केस एक हफ्ते में दोबारा सूचीबद्ध किया जाय। हालांकि पूर्व उपाध्यक्ष एसके गर्ग औऱ राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव विजय चंद्र श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट प्रशासन से कोरोना काल की समाप्ति पर काजलिस्ट का प्रकाशन शुरू करने की मांग मुख्य न्यायाधीश से की है। इनका कहना है कि केस लिस्ट में छपे होते हैं। अधिवक्ता का नाम भी छपा होता है लेकिन हाईकोर्ट से कई में केस लगे होने का मैसेज अधिवक्ता को नहीं भेजा जाता जिसके कारण सुनवाई टल जाती है या केस अधिवक्ता की गैर मौजूदगी के कारण खारिज कर दिया जाता है। मुकद्दमा दोबारा कोर्ट में लगवाना टेढी खीर साबित हो रहा है।
वेबसाइट खुलने में भी हो रही समस्या
आदर्श अधिवक्ता संघ अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र व प्रयागराज अधिवक्ता संघ अध्यक्ष नरेंद्र कुमार चटर्जी का कहना है कि हाईकोर्ट परिसर में वाई फाई ठीक से काम नहीं करता। वेबसाइट नहीं खुलती और आये दिन वेबसाइट की मरम्मत होती रहती हैं।या लोड के कारण कुछ भी सर्च नहीं हो पाता। बार सदस्यों की कठिनाइयों का समाधान किये बगैर न्यायिक कार्यवाही सुचारू रूप से चल पाना कठिन है। अधिवक्ताओं ने न्यायालय प्रशासन से अधिवक्ताओं की कठिनाइयों पर ध्यान देकर न्याय व्यवस्था फिर से पटरी पर लाने की मांग की गई है।
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