जालंधर में पद्मश्री सुरजीत पातर ने सुनाई अपनी कविताएं, दोआबा कालेज में हुआ अंतरराष्ट्रीय सेमिनार
जालंधर NOI : दोआबा कालेज के पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग ने भारतीय ज्ञान परंपरा द्वारा वैश्वीकरण को समझने पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार करवाया। इसमें पद्मश्री डा. सुरजीत पातर ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। ध्रुव मित्तल, प्रो. भीमइंदर सिंह, डा. मनजिंदर सिंह, नवजोत कौर ढिल्लो, डा. लखविंदर सिंह जौहल, सुरजीत कौर विशेष मेहमान के रूप में पहुंचे।
प्रिंसिपल डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विरासत बहुत संपन्न है। इसमें न केवल वेश्वीकरण की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति है बल्कि समूचे वेश्वीकरण को सही दिशा व दशा देने का सामर्थ्य है। इसी ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है।
डा. सुरजीत पातर ने कविता कैसे पैदा होती है व उसके मूलभूत आधार ढांचे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मौके पर अपनी कुछ कविताओं को गाकर उनकी सृजन प्रक्रिया के बारे में बताया। प्रो. भीमइंदर सिंह, डा मनजिंदर सिंह, नवजोत कौर ढिल्लों सहित अन्य शोधकर्ताओं ने इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में वैश्वीकरण की चुनौतियों के बारे में एतिहासिक विश्वेषण करते हुए उसके वर्तमान दौर पर पड़ने वाले असर के बारे में अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्याचार में इतनी ताकत है कि वह इन सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना कर इसमें से अपने देश की कीमती विरासत को संभाल कर आगे उन्नति का रास्ता अपने जनमानस को दिखा सकते हैं। अंत में
Leave A Comment
LIVE अपडेट
राज्य
Stay Connected
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.
0 Comments
No Comments