बिजली निगम फर्जीवाड़ा मामले में बढ़ी कर्मचारियों की मुश्किलें, इनके नाम आए सामने
यह हुआ फर्जीवाड़ा
दरअसल, यह फर्जीवाड़ा पानीपत में दर्ज केस के बाद उजागर हुआ था। समालखा निवासी टैक्सी चालक के खाते में बिजली निगम के खाते से पैसे ट्रांसफर हुए थे। मामले की जांच के दौरान पानीपत की पुलिस ने सुबूत जुटाए थे और तत्कालीन एक्सईएन बिलासपुर नीरज सिंह, डिविजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा को गिरफ्तार किया। हालांकि गिरफ्तारी से पहले ही एक्सईएन नीरज सिंह ने बिलासपुर थाना में शिकायत दे दी थी। जिसमें उसने डिविजनल अकाउंटेंट योगेश लांबा, एलडीसी राघव वधवा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट राकेश नंदा व समालखा में तैनात डिप्टी सुपरिटेंडेंट चक्रवर्ती शर्मा पर फर्जी वाउचरों के जरिए 63 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया था। यह केस दर्ज होने के बाद चक्रवर्ती शर्मा ने आत्महत्या भी कर ली थी। वहीं एक मामला शहर यमुनानगर थाना में एक्सईएन जगाधरी भूपेंद्र सिंह की शिकायत पर राघव वधावन व योगेश लांबा पर 21 लाख रुपये के वाउचरों के जरिए फर्जीवाड़ा करने का दर्ज हुआ है।
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