पंजाब में आतंकी माड्यूल का पर्दाफाश, पाकिस्तान से करवाया गया था नवांशहर के सीआईए स्टाफ आफिस में ग्रेनेड हमला
गिरफ्तार लोगों की पहचान नवांशहर के गांव बैंसां के रहने वाले मनीष कुमार उर्फ मणि उर्फ बाबा, जालंधर जिले के गोराया के गांव अट्टा के रमनदीप सिंह उर्फ जाखू और एसबीएस नगर के गांव साहलों के प्रदीप सिंह उर्फ भट्टी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से एक जिंदा हथगोला भी बरामद किया है।
डीजीपी वीके भावरा ने कहा कि व्यापक जांच के बाद काउंटर इंटेलिजेंस विंग और एसबीएस नगर पुलिस ने इस हमले में शामिल तीन आरोपितोंं को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। डीजीपी ने कहा कि पूछताछ के दौरान रमनदीप ने कबूल किया कि उसने मनीष के साथ हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के निर्देश पर नवांशहर सीआईए कार्यालय पर हथगोला फेंका था, जबकि रमनदीप ने लुधियाना-फिरोजपुर के किसी स्थान से दो हथगोले उठाए थे।
रिंदा ने चार लाख रुपये में किया था हमले का सौदा
एसएसपी संदीप कुमार ने बताया कि रमनदीप के खुलासे पर नवांशहर में हमले के लिए एक हथगोला का इस्तेमाल किया गया था, जबकि हमले को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया एक और पी-80 हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि हरविंदर उर्फ रिंदा ने इस हमले को अंजाम देने के लिए रमनदीप के साथ 4 लाख रुपये का सौदा किया था।
कई मामलों में वांछित है रिंदा
हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और हरियाणा में सक्रिय एक कुख्यात गैंगस्टर व हिस्ट्रीशीटर है और पंजाब पुलिस द्वारा हत्या, कांट्रेक्ट किलिंग, डकैती, जबरन वसूली और स्नैचिंग सहित जघन्य अपराधों में वांछित है।
पुलिस ने इस मामले में हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा को भी आरोपित के रूप में नामित किया है और 8 नवंबर, 2021 की एएफआईआर में धारा 13/16/17/18/18-बी/20 जोड़ा है, जो पुलिस स्टेशन सिटी नवांशहर में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307, 427 और 120-बी के तहत पंजीकृत है।
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