नई दिल्ली, NOI :- दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में राजधानी दिल्ली के स्कूलों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यानी केजरीवाल सरकार ने एसओपी जारी की है और इसके तहत ही स्कूलों का संचालन किया जाएगा।

एसओपी के अनुसार सभी स्कूलों में क्वारंटाइन रूम उपलब्ध होना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षक प्रतिदिन छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों में कोविड से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे। कोरोना से संबंधित कोई भी मामला मिलता है तो उसकी रोकथाम के लिए आगे का कदम उठाया जाएगा। 

दरअसल पिछले दिनों दिल्ली एनसीआर के स्कूलों में कई बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए थे। स्कूलों में छात्रों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद फिर से चिंता बढ़ने लगी है। कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ नोएडा-गाजियाबाद में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इसमें खास बात यह है कि कोरोना वायरस स्कूलों में ऐसे समय में बढ़ रहा है जब बच्चे दो साल के बाद स्कूल जाना शुरू ही किए हैं। दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.70 प्रतिशत पहुंच गई है. गाजियाबाद में जयपुरिया स्कूल में 10वीं का एक छात्र फिर आज कोरोना पॉजिटिव मिला था जिसके बाद स्कूल को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। तीन निजी स्कूलों के 1-1 स्टूडेंट्स समेत 20 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 

जनवरी से मार्च के बीच राजधानी में कोरोना से जान गंवाने वाले 578 लोगों में से 560 की मौत का कारण ओमिक्रोन वैरिएंट था। इनके सैंपल की सरकार द्वारा कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग में इसकी पुष्टि हुई है। बाकी 18 सैंपल में डेल्टा सहित अन्य वैरिएंट पाए गए। इसी तरह अभी तक अप्रैल में लिए गए 142 सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए वसंत विहार स्थित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान की लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि दिल्ली में इस समय बढ़ रहे कोरोना के मामलों में कौन सा वैरिएंट है।

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