लखनऊ, NOI :- केन्द्र सरकार में गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह के शुक्रवार को भोपाल दौरे पर देश के सभी राज्यों में कामन सिविल कोड लागू करने का संकेत देने के बाद से उत्तर प्रदेश में भी इसको लेकर माहौल बनने लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का मानना है कि उत्तर प्रदेश में भी कामन सिविल कोड लागू होना चाहिए।

केशव प्रसाद मौर्य का मानना है कि सभी को समान नागरिक संहिता यानी कामन सिविल कोड की मांग करने के साथ ही इसका स्वागत भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में सोच रही है। हम इसके पक्ष में हैं और यह उत्तर प्रदेश और देश के लोगों के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समान नागरित संहिता भाजपा के मुख्य वादों में से एक है।

भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह शुक्रवार को भोपाल में थे। वहां पर उन्होंने संकेत दिया था कि देश में जल्द ही कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू हो सकती है। भोपाल में भाजपा के पार्टी कार्यालय में उन्होंने कोर कमेटी की मीटिंग में कहा कि अयोध्या का राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों के फैसले हो गए हैं। अब बारी कॉमन सिविल कोड की है। उन्होंने कहा उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा रहा है। ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।

क्या है कामन सिविल कोड : इसके लागू होने से देश में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे एक समान कानून के अंतर्गत आ जाएंगे। धर्म के आधार पर कोई कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होगी। संविधान का अनुच्छेद 44 इसे बनाने की शक्ति देता है। इसे केवल केन्द्र सरकार संसद के जरिये ही लागू कर सकती है।

कब शुरू हुई समान नागरिक संहिता की मांग : देश की आजादी से पहले हिंदु और मुस्लिमों के लिए अलग कानून लागू किए गए थे। सबसे पहले महिलाएं इसके खिलाफ खड़ी हुईं। इसके बाद भाजपा ने इसे अपने तीन मुख्य मुद्दे में शामिल किया। 2014 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी यह मुद्दा शामिल था।

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