बढ़ती जा रही आजम खां व अखिलेश के बीच दूरी, हाल के घटनाक्रम बड़े बदलाव की ओर कर रहे संकेत
रामपुर, NOI : सीतापुर जेल में बंद आजम खां की सपा मुखिया अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ती ही जा रही हैं। जहां एक तरफ आजम के समर्थक खुलकर अखिलेश यादव पर आजम की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। वहीं आजम खांं भी अब अखिलेश यादव से दूरी बनाते दिख रहे हैं। हाल में आजम खांं ने जेेल में शिवपाल यादव से मुलाकात की। उसके बाद जब सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा के नेतृत्व में अखिलेश की ओर से भेजा गया प्रतिनिधि मंडल आजम से मिलने को गया तो आजम खां ने तबीयत खराब होने का हवाला देकर मिलने से मना कर दिया। उसके अगले दिन जब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम आजम खां से मिलने पहुंचे तो आजम ने उनसे भी मुलाकात कर ली। यानी कुल मिलाकर अखिलेश के प्रतिनिध मंडल से मुलाकात न करके आजम ने स्पष्ट तौर पर अखिलेश से नाराजगी प्रकट की है।
आजम खां समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक होने के साथ ही पार्टी का बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं। आजम खां विभिन्न मुकदमों के चलते पिछले दो साल से अधिक समय से सीतापुर जेल में बंद हैं। इस दौरान सिर्फ एक बार अखिलेश यादव उनसे मिलने पहुंचे हैं। आजम का राजनीतिक प्रभाव इतना है कि वह दसवीं बार विधायक चुने गए हैं। ऐसेे में आजम समर्थकों का कहना है कि समाजवादी पार्टी आजम खां का साथ नहीं दे रही है। आजम समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया कि अखिलेश यादव ही नहीं चाहते हैं कि आजम खां जेल से बाहर आएं।
अभी कुछ दिन पहले ही रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आजम के घर पर उनके बेटे अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। उसके बाद प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव सीतापुर जेल पहुंचकर आजम खां से मिले थे। शिवपाल यादव लगातार अखिलेश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और उनसे अलग होने के स्पष्ट संकेत दे चुके हैं । ऐसे में शिवपाल की आजम से मुलाकात नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है। इतना ही नहीं शिवपाल की आजम से मुलाकात के बाद जब विधायक रविदास मेहरोत्रा के नेतृत्व में जब सपा का प्रतिनिधि मंडल आजम से मिलने पहुंचा तो आजम खां ने यह कहकर मिलने से इन्कार कर दिया कि तबीयत ठीक नहीं है। उसके बाद अगले ही दिन कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम जेल में आजम से मिलने पहुंचे तो आजम ने उनसे भी मुलाकात की। यानी आजम सपा नेताओं को छोड़कर सभी से मिल रहे हैं। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आजम जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। अगर आजम खां सपा से अलग होते हैं तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा, क्योंकि सपा को मुस्लिमों का एकतरफा समर्थन आजम खां की वजह से ही मिलता आ रहा है। इसका असर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी दिखा था।
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