राजस्थान के अलवर में मंदिर तोड़े जाने के विरोध में साधु-संतों ने निकाली आक्रोश रैली
अलवर, NOI : राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिर सहित तीन मंदिरों को तोड़े जाने के विरोध में हिंदू संगठनों ने बुधवार को आक्रोश रैली निकाली। अलवर शहर में निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हुई। रैली की अगुवाई सांसद बाबा बालकनाथ ने की। वहीं, कलेक्टर ऑफिस पहुंचे भाजपा सांसद बालक नाथ ने कहा कि हम राजस्थान सरकार को तुष्टीकरण की राजनीति करने से रोकने के लिए यह मार्च निकाल रहे हैं। हमारे ज्ञापन में हमने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और ध्वस्त किये गए मंदिर के निर्माण की मांग की है। इस सब के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इस्तीफा देना चाहिए।
राजस्थान सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, हमारी मांगे हैं कि जो अधिकारी इसमें शामिल थे उन्हें सज़ा दी जाए और जल्द से जल्द मंदिर का पुन: निर्माण कराया जाए। गहलोत जी को भी अपना पद छोड़ना होगा: प्रदर्शन मार्च में मौजूद भाजपा सांसद बालक नाथ, अलवर, राजस्थान
शहर के शहीद स्मारक से शुरू हुई रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला कलक्टर कार्यालय पर पहुंची। रैली में शामिल साधु-संतों और अन्य लोगों ने कलक्टर कार्यालय के अन्दर प्रवेश करने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने बेरिकेड्स लगाकर उन्हे रोका। कुछ देर के लिए पुलिसकर्मियों के साथ साधु-संतों का विवाद हुआ। आखिरकार कलक्टर नकाते शिवप्रसाद मदन ने बालकनाथ सहित प्रमुख साधुओं को बातचीत के लिए बुलाया। इस दौरान कलक्टर को एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में राजगढ़ नगरपालिका के सभापति सतीश दुहारिया को निलम्बित किए जाने पर नाराजगी जताई गई।
बालकनाथ ने कहा कि पालिका बोर्ड की बैठक में मंदिर तोड़े जाने को लेकर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था । ऐसे में सभापति को निलम्बित करना उचित नहीं है। उनका निलम्बन रदद होना चाहिए । इस मामले में पूरी जिम्मेदारी तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी केशवकुमार मीणा और पालिका के अधिशासी अधिकारी बनवारी लाल मीणा की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के निर्देश पर तोड़फोड़ करने वालों ने मृर्तियों का अपमान किया था। बालकनाथ ने मंदिर का फिर से निर्माण करवाए जाने की मांग की। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफा मांगा है।
उन्होंने कहा कि हम राजस्थान सरकार को तुष्टीकरण की राजनीति करने से रोकने के लिए मार्च निकाला है। रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान के विभिन्न जिलों से साधु-संत अलवर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि राजगढ़ में तीन मंदिर तोड़ने के साथ ही 150 मकान और दुकान तोड़े गए थे । विवाद बढ़ा तो सरकार ने सभापति, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अधिकारी को निलम्बित किया है।
जानें क्या है मामला
दिल्ली, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सरकारों ने अवैध कब्जों को लेकर बुलडोजर चलाया तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसके पक्ष में खड़े हो गए हैं। शुक्रवार को राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ इलाके में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तीन मंदिरों और 100 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। इनमें एक मंदिर 300 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भी कटर से काटा गया जिससे उसके कई हिस्से हो गए। इसी प्रकार अन्य मूर्तियों को भी तोड़फोड़कर कचरे में डाल दिया गया। अतिक्रमण हटाने वाले सरकारी कर्मचारियों ने जूते पहन मंदिर में प्रवेश किया और सब तहस नहस कर दिया। बता दें कि ये तोड़ फोड़ बिना नोटिस दिए गए अचानक ही शुरू कर दी गई। हालांकि इस पर प्रशासन का कहना है कि सड़क को चौड़ा करने के लिए अतिक्रमण हटाया गया है।
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