Family Suicide In Kushinagar : आर्थिक तंगी से परेशान पूरे परिवार ने पीया जहर, पति-पत्नी की मौत, पुत्री गंभीर
पिता की हालत भी गंभीर
पुत्र और पतोहू के मृत्यु से सदमें में आए वृद्ध पिता की हातल भी गंभीर बताई जा रही है। उन्हें गोरखपुर भर्ती कराया गया है। पुलिस कार्यवाही में जुटी है। 50 वर्षीय रामप्रवेश गुप्ता की तीन संताने हैं। बड़ा बेटा अजीत कुमार गुप्ता पहले मुंबई मुंबई रहकर रोजगार करता था। दूसरा पुत्र गोलू विदेश रहता है। तीसरा पुत्र अमन पुणे रहता है। छह वर्ष पूर्व अजीत को इंसेफेलाइटिस हुआ था। काफी उपचार के बाद वह ठीक तो हुआ, लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ रहता था। कोर्णाक आल में रोजगार छुन जाने के कारण एक वर्ष से वह पत्नी 32 वर्षीय सिंधू, 10 वर्षीय पुत्री नंदिनी व आठ वर्षीय पुत्र अंशू के साथ घर रह रहा था। रोजगार नहीं मिलने के कारण कुनबा आर्थिक तंगी का शिकार था।
पहले खुद पीया जहर, फिर पत्नी व बेटी को पिलाया
मंगलवार की शाम दंपती घर वालों से दवा खरीदने की बात कह कर घर से निकला। देर शाम लौटे तो ठंडा पेय पदार्थ की बोतल लेकर आया। आठ वर्षीय पुत्र अंश के अनुसार पिता ने सबको कमरे में बुलाकर फाटक बंद कर लिया। ठंडा की बोतल में जहरीला पदार्थ मिलाकर अजीत सबको पिलाने लगा। पत्नी ने मना किया तो उसे और पुत्री को उसने जबरन जहरीला पदार्थ पिलाकर खुद भी पी लिया।
अंशु किसी तरह अपने को छुड़ाकर भाग गया। दंपती की मृत्यु हो गई। 48 वर्षीय माता उषा देवी बदहवास घर पड़ी हुई हैं। वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि दंपती ने पुत्री के साथ ठंडा में जाहरीला पदार्थ मिलाकर पीया था।
घटनास्थल पर पहुंचे एएसपी
एएसपी रितेश कुमार सिंह दोपहर बाद दो बजे घटनास्थल पर पहुंचे और चश्मदीद बच्चे अंश से जानकारी ली। स्वजन से भी बातचीत की और पूछा कि कोई आपसी कलह का तो मामला नहीं था। इस पर जवाब मिला कि ऐसा कुछ भी नहीं था। आर्थिक रूप से परेशान चल रहा था। आय का कोई जरिया नहीं था।
अगले माह होनी थी छोटे भाई की शादी
मृतक अजीत के भाई संदीप गुप्ता की शादी अगले माह 9 जून को तिलक तथा 12 जून को शादी होने वाली थी। शादी की तैयारी काफी जोर शोर से चल रही थी।
बीमारी से काफी परेशान था अजीत
आज से लगभग छः साल पूर्व अजीत को मस्तिष्क ज्वर हुआ था।वह ठीक तो हुआ लेकिन दिमागी रूप से काफी कमजोर हो गया। जिसके कारण साल भर पहले ही मुम्बई मे उसको काम से निकाल दिया गया। उसके बाद लगभग साल भर से वह घर पर ही था। काम छूटने के बाद वह दिमागी रुप से और कमजोर हो गया था।
पिता से जहर खाने की बात कही थी
आज से तीन दिन पूर्व ही अजीत ने अपने पिता जो धनहा मे बीयर की दूकान की बगल मे छोटी सी दूकान मे नमकीन आदि बेचने काम करते है।वहां जाकर कहा था कि पिता जी अगर आप दवा का रुपया नही दिए तो मै जहर खा लूंगा।
रात में शव जलाने की हो चुकी थी तैयारी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फाजिलनगर से रेफर हुए सामुहिक जहर के शिकार तीनों मरीजों को जिला अस्पताल पडरौना भेजा गया।वहां पर जांचोपरांत अजीत गुप्ता को डाक्टर ने मृतक घोषित कर दिया और परिजनों से उसे घर ले जाने के लिए कह दिया और परिजन लाश को उसी एम्बुलेंस से लेकर घर आ गए तथा उसी रात लाश को जलाने के लिए सब तैयारी कर लिए। लेकिन पटहेरवा पुलिस इसकी भनक मिल गई और पुलिस बिना देरी किए ही पहले 112 पुलिस उसके थोड़ी देर बाद थाने से पूरा फोर्स मौके पर आकर लाश को कब्जे मे लेकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
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