यमुनानगर, NOI :  यमुनानगर नगर निगम में इंजीनियरिंग शाखा से संबंधित कार्यों की प्लानिंग, वास्तुकला संरचनात्मक डिजाइन, अनुमान व डीपीआर तैयार करने का कार्य एजेंसी करेगी। इसके लिए टेंडर काल किया है और संबंधित एजेंसियों से कोटेशन मांगी गई हैं। उधर, निगम की योजना पर पार्षदों ने सवाल उठाए हैं। इसके दो कारण हैं। पहला, इन कार्यों के लिए निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी नहीं है। दूसरा, पूर्व में जिन कार्यों के लिए एस्टीमेट व डिजाइनिंग का कार्य एजेंसी ने किया, वह सवालों के घेरे में रहे हैं। आज तक भी उन खामियों को दूर नहीं किया गया।

ये कार्य रहे सुर्खियों में 

  • मधु चौक-कन्हैया साहिब चौक रोड पर पानी की निकासी के लिए नाले का निमा्रण किया गया है। इस पर तीन करोड़ 77 लाख रुपये लागत आई। इस नाले के निर्माण पर भी सवाल उठ रहे हैं। यहां नाले के डिजाइन में बिजली के पोल नहीं हटवाए गए। जहां बिजली के पोल हैं, वहां से नाले का आकार छोटा कर दिया। ऐसा करने से पानी की निकासी बाधित होगी।
  • बरसाती पानी की निकासी के लिए अमृत योजना के तहत भाई कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक 11 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मीटर सीवर लाइन बिछाने की योजना पर काम चल रहा है। लेकिन बाइपास के पास नाले के रास्ते में निजी जमीन आ आ गई। जिसके चलते काम रुका हुआ है। अब दूसरी दिशा से पाइप लाइन बिछाने की योजना बनी है। बारिश के दिनों में जगाधरी शहर, माडल टाउन, सरोजनी कालोनी , कैंप क्षेत्र , वर्कशाप रोड, आइटीआइ, चांदपुर, जम्मू कालोनी, विष्णु नगर, कृष्णा कालोनी, हरिनगर, माड्रन कालोनी, टैगोर गार्डन, बैंक कालोनी और प्रोफेसर कालोनी जलमग्न हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए यह पाइप लाइन बिछाई जा रही है। डिजाइन में खामियों के चलते यह योजना लंबे समय से अटकी हुई है। 
  • डिजाइनिंग में खामियों के चलते झंडा चौक से बिलासपुर रोड तक सड़क के निमा्रण व चौड़ीकरण की योजना पर सवाल उठते रहे हैं। यह सड़क दो करोड़ रुपये की लागत से बनी थी। डिजाइनिंग के लिए निजी कंपनी को पेमेंट भी कर दी गई। बावजूद इसके डिजाइन रास नहीं आया।
  • प्रकाश चौक से झंडा चौक तक सड़क का निर्माण व निकासी का कार्य भी सुर्खियों में रहा है। यहां नाले का डिजाइन व लेवल सहीं न होने के आरोप लगे। इसलिए काम रुका भी रहा। बाद में निगम अधिकारियों ने जैसे-तैसे इस कार्य को पूरा करवाया। 

सरकार के पैसे का दुरुपयोग 

वार्ड नंबर चार से पार्षद देवेंद्र कुमार का कहना है कि हम यह बात कई बार उठा चुके हैं कि जब नगर निगम के पास अपने जेई, एमई, एक्सईएन व एसई हैं तो विभिन्न कार्यों का डिजाइन तैयार करने के लिए निजी कंपनियों को मोटी रकम क्यों दी जा रही है। सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। चिंता की बात यह है कि जो डिजाइन कंपनियां तैयार करके देती हैं, उनके मुताबिक काम भी नहीं होते।

हाउस की बैठक में उठा चुके मुद्दा 

वार्ड नंबर आठ से पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि हमने हाउस की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। जितना पैसा निजी कंपनियों को दे रहे हैं, वह विकास कार्यों पर खर्च किया जाना चाहिए। डिजाइन व एस्टीमेट बनाने के लिए नगर निगम के पास अपने अधिकारी हैं। वे ही डिजाइन तैयार करें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। नगर निगम में पूरी तरह अफसरों की मनमानी है।

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