एडवांस साइबर क्राइम डिप्लोमा में जीडी ठाकुर ने आल ओवर इंडिया में किया टाप
NOI : हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर साउथ इंफोर्समेंट जान परमाणु के पद पर तैनात जीडी ठाकुर ने एडवांस साइबर क्राइम एंड डाटा प्रोटेक्शन ला में डिप्लोमा हासिल किया है। यह डिप्लोमा हासिल करने वाले वह हिमाचल के पहले अधिकारी बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश की नंबर 1 ला यूनिवर्सिटी नालसर हैदराबाद से इस कोर्स को करने वाले 128 सीनियर लेवल प्रोफेशनल में जीडी ठाकुर ने आल ओवर इंडिया में टाप किया है। इससे पहले वर्ष 2015-16 में जीडी ठाकुर ने पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन साइबर ला किया था।
जीडी ठाकुर चंबा जिला की भटियात तहसील के दुहका गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग डिप्लोमा गवर्नमेंट पालिटेक्निक हमीरपुर और आइईआई कलकत्ता से बीई इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। जीडी ठाकुर वर्ष 2003 से आबकारी एवं कराधान विभाग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले इन्होंने 10 वर्ष तक देश विदेश की विभिन्न कंपनियों में अपनी सेवाएं दी थी। जीडी ठाकुर ने एडवांस साइबर क्राइम एंड डाटा प्रोडक्शन ला डिप्लोमा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देशभर में पहला स्थान प्राप्त कर हिमाचल प्रदेश का नाम भी देश में प्रथम स्थान पर लाया है। शुरू से ही साइबर क्राइम में महारत रखने वाले जीडी ठाकुर ने वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा कर एवं कर्ज घोटाले का पर्दाफाश किया था।
आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनामिक इंटेलिजेंस यूनिट में रहते हुए जीडी ठाकुर ने जिला सिरमौर के पांवटा साहिब स्थित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी में कर चोरी के 6000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया था। संयुक्त आयुक्त दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू के रूप में उन्होंने कई बड़े कर चोरी के मामले को इंटरसेप्ट किया हैं। हिमाचल प्रदेश की 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान राजस्व उपलब्धि दर्ज की गई, जिसमें शुद्ध नकद प्राप्तियों में 181 प्रतिशत था। जीडी ठाकुर जिला सिरमौर में उपआयुक्त राज्य कर एवं आबकारी भी रह चुके हैं। जीडी ठाकुर ने बताया कि साइबर अपराध और डेटा संरक्षण कानून आने वाले वर्षों में साइबर स्पेस द्वारा विश्व प्रणाली पर कब्जा कर लिया जाएगा। शासन में साइबर अपराध और साइबर अपराध, जांच, साइबर धोखाधड़ी, आईपीआर, ई- के मामले में साइबर कानून लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है।
राजनीति, क्रिप्टोकुरेंसी, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेंस, ई-कोर्ट साइबर स्वैट्टा पोर्नोग्राफी, साइबर वारफेयर और साइबर इंटेलिजेंस पर दुनिया के उन्नत देशों ने पहले ही अपने मजबूत व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून को कानून बनाया हैं। जबकि भारत कानून बनाने की प्रक्रिया में है। आगामी मानसून सत्र में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून बनाया जाना प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि हमें बस इस बात की खुशी है कि हमें मुफ्त में फेसबुक व व्हाट्सएप आदि मिल रहे हैं, लेकिन हम इस बात से अनभिज्ञ हैं कि क्या खजाना हम इस मुफ्त सोशल मीडिया प्लेटफार्म के बदले बेच रहे हैं। इसकी देखभाल के लिए कानून भारत सरकार के पास था। भारत के लिए डेटा संरक्षण कानून बनाने के लिए पहले से ही गंभीर कदम उठाए हैं, जो नए युग की शुरूआत करेगा।
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