लखनऊ, NOI :  लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ मालिक्यूलर जेनेटिक्स एंड इंफेक्शियस डिजीज में आगामी सत्र से एमएससी आणविक और मानव आनुवंशिकी कोर्स की शुरुआत करेगा। इसकी खास बात यह है कि प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी अनुवांशिकी रोग की डीएनए टेस्टिंग, अरटीपीसीआर से जुड़ी जांच, विभिन्न प्रकार की दवा बनाने के तरीके सहित तमाम जानकारियां ले सकेंगे। कोर्स में आवेदन के लिए 10 जून तक मौका है।
लवि के ओएनजीसी सेंटरमें इंस्टीट्यूट आफ मालिक्यूलर जेनेटिक्स एंड इंफेक्शियस डिजीज संस्थान संचालित है। इंस्टीट्यूट की निदेशक प्रोफेसर मोनिषा बनर्जी ने बताया कि एमएससी के इस कोर्स में प्रवेश के लिए 25 सीटें निर्धारित की गई हैं। यदि सीटों से अधिक आवेदन आए तो प्रवेश परीक्षा होगी। अन्यथा मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कोर्स में विभिन्न तरीके के रोगों, आरटीपीसीआर और उससे जुड़ी जांच,वायरस को पहचाना सहित तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां विद्यार्थियों को दीजाएंगी।

55 हजार रुपए होगी प्रति सेमेस्टर फीस : नई शिक्षा नीति के अनुसार, चार सेमेस्टर का यह कोर्स बायोटेक्नोलाजी विभाग नई दिल्ली के मानक के अनुसार तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक सिर्फ बीएचयू और जीवाजी यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश में इसकोर्स की पढ़ाई होती है। इसकी फीस 55,000 प्रति सेमेस्टर होगी।

ये होंगे फायदे : फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलाजी उद्योगों के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिवीजनों में बेहतर नौकरी की संभावना वाले छात्रों को तैयार किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले छात्र आनुवंशिक रोगों के लिए अपने स्वयं के आनुवंशिक निदान और परामर्श केंद्रों के साथ-साथ चिकित्सा चिकित्सकों के सहयोग से आईवीएफ क्लीनिक भी स्थापित कर सकते हैं।

ये होंगे पात्र : एक विषय के रूप में जैविक और संबद्ध विज्ञान (कृषि विज्ञान, जैव रसायन, जैव सांख्यिकी, जैव प्रौद्योगिकी, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, आनुवंशिकी, जीव विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, सांख्यिकी, प्राणी शास्त्र) में स्नातक।

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