Ayodhya Ram Mandir: सरयू के भूगर्भीय प्रवाह से राम मंदिर को बचाएगी रिटेनिंग वाल, तेजी से हो रहा निर्माण
अयोध्या, NOI :- राम जन्मभूमि परिसर में शनिवार को पूर्वाह्न रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा शुरू हुई। परिसर में स्थित एलएंडटी के कार्यालय में शुरू हुई दो दिवसीय समीक्षा बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इससे पूर्व नृपेंद्र मिश्र ने राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया।
गत वर्ष 15 जनवरी से चल रहा मंदिर निर्माण कार्य इन दिनों निर्णायक दौर में है। 400 गुणे 300 वर्ग फीट के विशाल क्षेत्र में 40 से 50 फीट गहरे तक मंदिर की नींव गत वर्ष ही तैयार हो चुकी है। मंदिर की नींव के ऊपर पांच फीट मोटी एक और परत ढाली जा चुकी है। इन दिनों मंदिर की बुनियाद के ऊपर अधिष्ठान का निर्माण हो रहा है। प्रस्तावित मंदिर के आकार के अनुरूप यह अधिष्ठान 360 फीट लंबा एवं 235 फीट चौड़ा होगा। यह अधिष्ठान 21 फीट ऊंचा होगा। इसे कर्नाटक और तेलंगाना की बेहद मजबूत मानी जाने वाली ग्रेनाइट से निर्मित किया जा रहा है और इसी पर पहले से तराश कर रखे गए पत्थर मंदिर के रूप में संयोजित किए जाएंगे।
तैयारियों के अनुसार इसी वर्ष जून माह तक अधिष्ठान निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण के साथ संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर को सांस्कृतिक उपनगरी के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। मंदिर निर्माण के साथ-साथ इस योजना पर भी क्रियान्वयन होता जा रहा है। इन दिनों मंदिर के अधिष्ठान के साथ रिटेनिंग वाल का भी निर्माण चल रहा है। इसका निर्माण सरयू के भूगर्भीय प्रवाह से राम मंदिर को बचाने के लिए हो रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक मंगलवार को भी होनी है।
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