NOI :  पति और पत्नी के बीच तलाक का एक अनोखा मामला सामने आया है। मामला मध्य प्रदेश में भोपाल के कुटुंब न्यायालय का है। यहां शादी के पांच साल बाद एक साफ्टवेयर पति का कहना है कि उसकी पत्नी रोज शराब पीती है, इससे उसके बच्चे पर गलत असर पड़ रहा है। इसी आधार पर वह अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है। वहीं, पत्नी का कहना है कि पति ने ही पहले उसे शराब पिलाना सिखाया और अब छोड़ने के लिए कह रहा है। पत्नी के मुताबिक, शादी के बाद उसका पति रोज शराब पीकर आता था। इसके बाद पत्नी ने घर में शराब लाकर पीने की बात कही तो उसने अपनी पत्नी को भी शराब पिलाना सिखा दिया। अब उसकी पत्नी की भी रोज पीने की आदत हो गई है। पत्नी का कहना है कि अब उसके पति चाहते हैं कि मैं शराब पीना बंद कर दूं। कोर्ट में पत्नी ने कहा कि वह शराब पीना बंद तभी करेगी, जब पति भी बिल्कुल नहीं पीएंगे। वहीं, पति ने पत्नी को मायके ना जाने की शर्त भी रखी, जिस पर पत्नी नहीं मानी। उसने कहा कि वह अपनी मां की इकलौती संतान है और वह अपनी मां की मदद करेगी। 

जानें, क्या है मामला

पत्नी को लगी शराब की लत को लेकर ही उसके पति ने तलाक का केस लगाया है। साफ्टवेयर इंजीनियर पति के मुताबिक, उसकी पत्नी रोज शराब पीती है, जिससे उसके बच्चे पर गलत असर पड़ रहा है। वहीं, उसकी पत्नी का कहना है कि 2014 में हमारी शादी हुई थी। पति रोज शराब पीकर आते थे। तब मैंने घर में ही शराब लाकर पीने की बात कही थी, लेकिन साथ देने का कहकर उसने मुझे भी पिलाना शुरू कर दिया। अब मुझे रोज पीने की आदत लग गई हैं तो वह कहते हैं कि शराब पीना छोड़ दो। हालांकि पत्नी कोर्ट में इस बात पर राजी हुई कि वह शराब पीना तब बंद कर देगी, जब पति भी पीना छोड़ देंगे। मामले में काउंसिलिंग कर दंपती को समझाकर लिखित में शपथ पत्र भरवाया है।

बच्चे के लिए पति ने लगाया तलाक का केस

पति के मुताबिक, दोनों की शादी के कई साल हो चुके हैं। शादी के तीन साल बाद बेटा हुआ, जो अब पांच साल का हो चुका है। तब की परिस्थिति अलग थी, लेकिन अब एक शराबी मां अपने बच्चे को कैसे पालेगी। अब तो बच्चे पर गलत प्रभाव भी दिखने लगा है, इसलिए मैंने पत्नी को शराब छोड़ने के लिए कहा। बार-बार कहने के बाद भी वह नहीं मानी तो तलाक का केस लगाया।

मायके नहीं जाने की शर्त पर किया इन्कार

पतिन ने शराब छोड़ने के साथ की कोर्ट में पत्नी को मायके न जाने की शर्त भी रखी। हालांकि पत्नी ने इससे इन्कार करते हुए कहा कि वह अपनी मां की इकलौती संतान है और मां को उसकी जरूरत है। अगर वह मदद नहीं करेगी तो कौन करेगा।

दंपती को एक साथ घर भेजा

कुटुंब न्यायालय के काउंसलर शैल अवस्थी के मुताबिक, इस मामले में पांच बार काउंसिलिंग की गई। दंपती से शपथ पत्र भरवाकर एक साथ घर भेजा गया है।

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