PM CARES for Children: पीएम मोदी ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के खाते में भेजी छात्रवृत्ति, जानें- क्या है पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम
कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने प्रयास
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जो चला जाता है, उसकी हमारे पास सिर्फ चंद यादें ही रहा जाती हैं, लेकिन जो रहा जाता है, उसके सामने चुनौतियां का अंबार लग जाता है। ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा-सा प्रयास है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का प्रमाण है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। मुझे संतोष है कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है।
बच्चों को हर महीने मिलेंगे 4 हजार रुपये
उन्होंने कहा कि अगर किसी को प्रोफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।
पिछले साल लॉन्च की गई थी योजना
सरकार ने यह योजना पिछले साल 29 मई को लॉन्च की थी। इसके तहत 11 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2022 के बीच कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या माता या पिता में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की मदद की जाती है।
अनाथ बच्चों को मिलेगा ये लाभ
इसके तहत प्रत्येक बच्चे को 20 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार को 23 राज्यों के 611 जिलों से 9,042 आवेदन मिले थे। इनमें से 31 राज्यों के 557 जिलों के 4,345 आवेदनों को मंजूरी मिली।
जानें- क्या है पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना
इस योजना का उद्देश्य बच्चों को भोजन और घर उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह स्कीम हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखती है। इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।
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