Sidhu Moose wala Murder : परिवार का पोस्टमार्टम से इनकार, पिता ने मांगा इंसाफ तो सीएम ने कहा - न्यायिक जांच होगी
सीएम ने कहा, मूसेवाला हत्याकांड की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग से करवाई जाएगी
सीएम ने डीजीपी से जवाब मांगा, सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा घटाने की भी होगा जांच
मुख्यमंत्री ने सिद्धू मूसेवाला के पिता के इस पत्र का जवाब देते हुए कहा कि सरकार जांच में पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा में कटौती करने और डीजीपी के बयान का भी नोटिस लिया। मुख्यमंत्री ने कल वाले डीजीपी के बयान पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उन्होंने सुरक्षा घटाने के फैसले पर भी मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।
सिद्धू मूसेवाला के पिता ने मुख्यमंत्री को पत्र में यह लिखा
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकाैर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने बेटे शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की मौत के लिए इंसाफ की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपकी सरकार की नाकामियों के कारण उनका बेटा शुभदीप सिंह उनसे हमेशा के लिए दूर हो गया है। शुभदीप की मां मुझसे पूछती है कि मेरा बेटा कहां है और कब घर वापस आएगा। मैं उसको क्या जवाब दूं? मैं आशा करता हूं कि मुझे इंसाफ मिलेगा। मेरे परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए मेरी बेनती है।
- इस केस की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाई जाए। पंजाब सरकार इस जांच में सीबीआइ व एनआइए के सहयोग को यकीनी बनाए।
- अफसरों की जवाबदेही तय की जाए। जिन्होंने उसके पुत्र की सिक्योरिटी की समीक्षा की और सिक्योरिटी वापस लेने के आर्डरों को जनतक किया।
- मेरे पुत्र ने अपनी मेहनत के साथ पंजाब का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। मगर डीजीपी पंजाब द्वारा उसके पुत्र की मौत को गैंगस्टरों के साथ जोड़कर पेश किया। इसलिए उसकी बेनती है कि डीजीपी पंजाब जनतक तौर पर माफी मांगे। वह पंजाब सरकार से इंसाफ की उम्मीद करते हैं।
सिद्धू मूसे वाला के कोठी के बाहर भारी संख्या में पुलिस मुलाजिम।
गांव को आने वाले रास्ते को पुलिस ने सील किया।
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला रविवार को अपनी बीमार मौसी का हाल जानने के लिए अपने गांव से निकले थे। जैसे ही मानसा के गांव जवाहरके में पहुंचे तो उनकी गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से घायल साथी गुरविंदर सिंह ने कहा कि मैं गाड़ी में पीछे और दूसरा दोस्त गुरप्रीत सिंह उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
गुरविंदर सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की मौसी बीमार थी। वह अचानक उनका हालचाल लेने जाने के लिए तैयार हो गया। गाड़ी में पांच लोगों के बैठने की जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों को साथ नहीं बैठाया।
गुरविंदर सिंह के अनुसार जैसे ही वह गांव से कुछ दूर पहुंचे तो सबसे पहले उनके पीछे से एक फायर हुआ। इतने में एक गाड़ी उनके आगे आकर रुक गई। तभी एक युवक गाड़ी के सामने आया और उसने कई गोलियां चलाईं। मूसेवाला ने एक बार गाड़ी को भगाने का प्रयास भी किया लेकिन हमें आगे और पीछे दोनों तरफ से घेर लिया गया था।
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