नई दिल्ली, NOI : भारतीय इकोनॉमी कोरोनो की दूसरी लहर के प्रभावों से बाहर निकलते हुए नजर आ रही है। सोमवार को जारी मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं। आईएचएस मार्किट के मासिक सर्वे के मुताबिक जुलाई महीने में देश की मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में पिछले तीन माह में सबसे मजबूत वृद्धि देखने को मिली। कोविड-19 की वजह से विभिन्न जगहों पर लागू लॉकडाउन में छूट और मांग की स्थिति में सुधार से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में यह उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में 55.3 पर पहुंच गया, जो जून महीने में 48.1 पर रहा था।

पीएमआई पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।

आईएचएस मार्किट में एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डि लीमा ने कहा, ''यह देखना उत्साहजनक है कि भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री जून की गिरावट से उबर रही है। स्थानीय स्तर पर कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में ढील और नए ऑर्डर मिलने में तेजी के बीच करीब एक-तिहाई कंपनियों उत्पादन में मासिक वृद्धि दर्ज कर रही है। इससे उत्पादन में ठोस रफ्तार से वृद्धि हुई है।''

लिमा ने कहा, ''अगर महामारी में कमी देखने को मिलती है तो हम कैलेंडर वर्ष 2021 में भारत में औद्योगिक उत्पादन में 9.7 फीसद की सालाना वृद्धि की उम्मीद करते हैं।''

रोजगार के मोर्चे की बात की जाए तो जुलाई में नौकरियों में मामूली वृद्धि देखने को मिली। इससे 15 माह से चली आ रही छंटनी का सिलसिला थम गया।

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