President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से सियासी गोलबंदी शुरु, जानें- क्या है राजनीतिक समीकरण
विपक्ष की बैठक से कई दलों ने बनाई दूरी
विपक्षी एकजुटता की जरूरत को देखते हुए दीदी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस समेत अधिकांश दलों ने शिरकत की मगर आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति से लेकर एएमआइएम आदि ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। राजग और संप्रग दोनों खेमों से बाहर रहने वाले दलों बीजद, वाइएसआर कांग्रेस, अकाली दल बादल ने भी बैठक से दूरी बनाई। इन दलों की राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका होनी है और ऐसे में यह विपक्ष के लिए सकारात्मक संकेत तो नहीं ही है। टीआरएस और आम आदमी पार्टी जैसे टीएमसी के करीबी दलों के बैठक में नहीं आने के सवाल पर ममता ने कहा कि किसी विशेष वजह से कुछ पार्टियां नहीं आई हैं, लेकिन इसमें संदेह नहीं कि विपक्ष एकजुट होकर राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतरेगा।
ममता ने गोपालकृष्ण गांधी व फारूक अब्दुल्ला का सुझाया नाम
विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार मैदान में उतारने पर सहमति बन गई है, लेकिन प्रत्याशी अभी तय नहीं हुआ है, क्योंकि सक्रिय राजनीति छोड़ने को तैयार नहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष का सर्वसम्मत प्रत्याशी बनने से इनकार कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 17 विपक्षी दलों की बैठक में पवार के इन्कार के बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाया। हालांकि, कांग्रेस व अन्य दलों ने इन दोनों समेत किसी भी नाम का सुझाव नहीं दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं के किया फोन
विपक्ष से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू होता उससे पहले ही भाजपा ने साथी ही नहीं, विपक्षी दलों को भी टटोलना शुरू कर दिया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की ओर से नियुक्त नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, शरद पवार, मायावती, अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरे कई दलों के नेताओं से बात की। हालांकि इस बातचीत में दोनों ओर से उम्मीदवारों के नामों को लेकर ही एक-दूसरे को टटोलने की कोशिश ही होती रही।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू
चुनाव आयोग ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। 29 जून तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 30 को पत्रों की जांच की जाएगी। दो जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव 18 जुलाई और मतगणना 21 को होगी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई तक है। सूत्रों के अनुसार पहले दिन 11 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया।
जानें- एनडीए के पास कुल कितने वोट
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में जेडीयू, एआईएडीएमके, अपना दल (सोनेलाल), एलजेपी, एनपीपी, निषाद पार्टी, एनपीएफ, एमएनएफ, एआईएनआर कांग्रेस जैसे 20 छोटे दल शामिल हैं। इस तरह से एनडीए के पास कुल 10,86,431 में से करीब 5,35,000 मत हैं, जिसमें उसके सहयोगियों दलों को वेट शामिल हैं। मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से एनडीए को अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए 13 हजार वोटों की और जरूरत पड़ेगी। भाजपा और उसके सहयोगियों के पास कुल वोट का करीब 48 फीसद वोट है।
जानें- विपक्षी दलों के पास कुल कितने वोट
कांग्रेस के अगुआई वाले यूपीए के पास अभी दो लाख 59 हजार 892 वैल्यू वाले वोट हैं। इनमें कांग्रेस के अलावा, डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, एनसीपी जैसे दल शामिल हैं। वहीं, अन्य दलों के वोट को देखें तो 2 लाख 92 हजार 894 वोट हैं, जिनमें टीएमसपी, सपा, वाईएसआर, टीआरएस, बीजेडी, आम आदमी पार्टी, लेफ्ट पार्टी शामिल हैं। इस तरह से विपक्ष के सारे दल एक साथ आते हैं तब उनका वोट करीब 51 फीसद हो रहा है। इस तरह से विपक्षी दल एनडीए को टक्कर देने की स्थिति में नजर आएंगे।
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