Udaipur Murder Case: कन्हैयालाल के हत्यारोपितों ने कई युवाओं को कट्टरपंथी ग्रुपों में जोड़ रखा था, ग्रुप छोड़ने पर रियाज कहता था ऐसा क्यों किया
जयपुर NOI :- राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारोपित मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने करीब ड़ेढ़ दर्जन मुस्लिम युवकों को अपने साथ जोड़ रखा था। दोनों इन युवकों से कट्टरपंथी और मुस्लिम एकता की बातें करते थे। रियाज ने दावत-ए-इस्लामी नाम से नौ कट्टरपंथी वाट्सअप ग्रुप बना रखे थे। इन ग्रुप के नाम दावत-ए-इस्लाम-एक, दावत-ए-इस्लाम-दो से लेकर नौ नंबर तक रखे हुए थे। ग्रुप में उसने कई लोगों को जोड़ रखा था। कुछ ग्रुप में उसने उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री के मालिक शोएब को भी जोड़ा था, लेकिन वह रियाज की गतिविधियां देखकर हट गया था।
धार्मिक कट्टरता के वीडियो करते थे साझा एसके इंजीनियरिंग के दफ्तर में बैठकर ही रियाज और गौस ने कन्हैयालाल की हत्या के बाद वीडियो बनाकर वायरल किया था। शोएब ने राजस्थान एटीएस को पूछताछ में बताया कि रियाज को वह आठ साल से जानता है, लेकिन मेरी फैक्ट्री में उसने तीन महीने ही काम किया है। बाद में रियाज को हटा दिया था। पूछताछ में शोएब ने बताया कि वाट्सएप गुप में रियाज धार्मिक कट्टरता और जिहादी वीडियो व अन्य पोस्ट वायरल करता था। ये पोस्ट सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले होते थे, जिस कारण वह लगातार ग्रुप छोड़ देता था, लेकिन रियाज उसे फिर जोड़ लेता था। ग्रुप छोड़ने के बाद रियाज कई बार कहता था कि ऐसा क्यों किया। ग्रुप क्यों छोड़ा, आपके दिल में कोई डर है क्या, डर रखो तो सिर्फ अल्लाह से रखो।
रियाज फैक्ट्री मालिक से कहता था, जहन्नुम में जाने जैसा काम मत करो शोएब ने बताया कि 28 जून को कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज और गौस ने उसके दफ्तर में वीडियो बनाया था, तब वह अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी को लेकर अन्नता अस्पताल में गया हुआ था। रियाज फैक्ट्री में पहले काम कर चुका था। इस कारण मजदूरों ने उसे दफ्तर में बैठने दिया। मजदूरों को यह पता नहीं था कि वे दोनों हत्या कर के आए हैं और दफ्तर के अंदर वीडियो बना रहे हैं। शोएब बोला, बातचीत में हमेशा ऐसे लगता था, जैसे कि रियाज किसी प्रभाव में लेने की कोशिश कर रहा है। रियाज फिल्मी गाने पंसद नहीं करता था, कहता था मोबाइल पर ऐसे गाने सुनकर गुनाह में मत पड़ो। ऐसा कर के जहन्नुम में जाने जैसे काम मत करो। शोएब ने कन्हैयालाल की हत्या के काम में लिए गए हथियार खुद की फैक्ट्री में बनाए जाने से भी इन्कार किया है। उसने कहा कि हमारी फैक्ट्री में इस तरह के हथियार बनाने की मशीन नहीं है। फैक्ट्री में खनन कार्य में काम आने वाली छोटी-मशीन बनती है
नया खुलासा अधिकारियों के अनुसार, हत्यारोपित उदयपुर से अजमेर राजमार्ग पर अमजद की वेल्डिंग की दुकान पर पहुंचे थे। दोनों ने दुकान में कपड़े बदले थे। वे कपड़े अपने साथ लेकर आए थे। इस दौरान एक युवक उनकी बाइक लेकर पेट्रोल पंप पर गया था, जिसमें 600 रुपये का पेट्रोल डलवा कर लाया था। यह वही 2611 नंबर की बाइक थी, जिस पर बैठकर हत्यारोपित फरार हुए थे। पेट्रोल लाने के बाद युवक ने बाइक हत्यारोपितों को सौंप दी। पेट्रोल पंप पर बाइक में पेट्रोल डलवाते हुए सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। अब तक इस मामले में रियाज और गौस के अतिरिक्त मोहसिन, आशिक हुसैन, रियासत हुसैन और वसीम को गिरफ्तार किया गया है। वहीं नाजिम,बबला और मुनव्वर को हिरासत में लिया गया है।
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