NOI :- मौसम के बदले मिजाज से अमरपुर एवं शंभूगंज के किसानों को धान का बिचड़ा बचाना चुनौती हो गया है। महंगे दरों पर धान बीज का किसानों ने बोआई किया था। पर तेज धूप के कारण बिचड़ा सूखने लगा है। शंभूगंज में 20 प्रतिशत बिचड़ा बोने के बाद अब सूखने लगा है। इससे किसानों में मायूसी है। किसानों ने क्षेत्र को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। डीजल अनुदान बंद होने से किसानों की समस्या बढ़ी
धान रोपाई के अनुकूल नक्षत्र में तेज धूप एवं भीषण गर्मी में धान का बीचड़ा सूखने लगा है। जिसे कुछ किसान पटवन कर बचाने में लगे हैं। यह हाल कमोबेश पूरे प्रखंड में बना हुआ है। शैलेश ङ्क्षसह, फुलटुन हरिजन, जगदीश हरिजन, मंटू दास सहित अन्य किसानों ने बताया कि आद्र्रा नक्षत्र के बाद धान रोपाई का मुख्य समय में। खेत में बिचड़ा तैयार है, लेकिन तेज धूप के कारण बीचडा सूखने लगे हैं। जिसे पटवन कर बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व में सरकार द्वारा डीजल अनुदान भी दिया जाता था। जिससे किसान राहत महसूस करते थे। लेकिन डीजल अनुदान बंद होने से आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि प्रखंड में कुल रकवा 53 हजार 122 एकड़ है। इसमें
सिंचित भूमि:- 10 हजार 233 एकड़ है। जबकि असिंचित भूमि :- 42 हजार 899 एकड़ है। अमरपुर में स‍िंचित एवं असिंचित भूमि लगभग 53 हजार एकड़ जमीन है। जिसमें 60 फीसदी जमीन लगभग 32 हजार एकड़ पर धान की खेती होती है। वर्षा नहीं होने से बीचडा सूखने की समस्या है। - राजेश कुमार, बीएओ शंभूगंज में 9869 में मात्र 986 हेक्टेयर में हुई है धान बिचड़ा की बोआई
शंभुगंज। मौसम की बेरूखी से क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ गई है। धान बीज में अंकुरण के साथ पौधे भी उगे। अचानक मौसम का रूख बदल गया। अब स्थिति है कि कड़ाके की धूप से बिचड़ा मरने के कगार पर है। अधिकांश जगहों पर उपरी तल वाली भूमि में बिचड़ा पटवन एक गंभीर समस्या बन गई है। कृषि कार्यालय सूत्रों के अनुसार इस बार 986 हेक्टेयर भूमि में धान के बिचड़ा की बोआई हुई है। इस बार 9869 हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य निर्धारित है। करसोप के किसान बासुकी ठाकुर , ब्रजेश यादव , ओपी मंडल , सुरेंद्र मंडल , कुर्मा के किसान राजाराम सिंह, कपिल सिंह, राजेश सह , बिरनौधा के महेंद्र मंडल , राजेश कुमार सहित अन्य ने बताया कि क्षेत्र में धान मुख्य खेती है। करीब 20 दिन पहले खेतों में बिचड़ा गिराया गया था। लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण बिचड़ा में कोई जान नहीं है। यदि बिचड़ा कमजोर रह गया , और समय पर धान रोपाई नहीं हुई तो उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। इधर,जनजागरण अभियान समिति के संयोजक रामजी यादव, सामाजिक कार्यकर्ता विभूति प्रसाद स‍िंंह, प्रभुनाथ सिंह सहित अन्य ने सरकार से डीजल अनुदान देने की मांग की है।

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