भोपाल NOI :-भोपाल समेत पूरे राज्य में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा मरीज भोपाल और इंदौर में मिल रहे हैं। शनिवार को भोपाल में 395 सैंपल की जांच में प्रदेश में 21 व 130 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 807 हो गई है। इसके बाद भी स्थिति यह है कि बढ़ते संक्रमण को स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है। लक्ष्य के विपरीत मध्यप्रदेश और भोपाल में 25 से 30 प्रतिशत ही सैंपलिंग हो रही है।
राज्य में प्रतिदिन 25 हजार सैंपल लेने का लक्ष्य है, लेकिन टेस्ट प्रतिदिन सात हजार से भी कम हो रहे हैं। अच्छी बात यह है कि कोरोना वायरस का कोई अत्यधिक संक्रामक और घातक रूप नहीं है, अन्यथा इस तरह की लापरवाही से हाहाकार मच सकता था। भोपाल में रोजाना 20 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। संक्रमण दर भी सात प्रतिशत से ऊपर है। इसके बाद भी स्थिति यह है कि जिले में एक दिन के लिए 2100 सैंपलिंग के लक्ष्य के मुकाबले 500 सैंपल की जांच भी नहीं हो रही है।
कोरोना की तीसरी लहर में भोपाल में बेतरतीब ढंग से सैंपल लेने के लिए 70 से 80 टीमें शहर भर में घूमती थीं। अब हालत यह है कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर सिर्फ तीन टीमें तैनात की गई हैं। नगर निगम और पुलिस की ओर से भी काफी ढील दी गई है। भीड़ में भी एक से दो फीसदी लोग ही मास्क पहन रहे हैं। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी टीका नहीं लगाया गया है। इसके बाद भी स्कूलों में मास्क अनिवार्य नहीं किया जा रहा है।
लापरवाही से बढ़ सकता है खतरा लापरवाही से कोरोना कभी भी खतरनाक रूप ले सकता है। इसका कारण यह है कि किसी को नहीं पता कि कोरोना का नया वेरिएंट आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगों ने कोरोना का असर कम होने के कारण वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं पिलाई है। विजिलेंस डोज लगाकर लोगों को बचाया भी जा रहा है।

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