नई दिल्ली, NOI : मानसून की बारिश के साथ ही गंगा और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। इस क्रम में रेलवे पूरे अलर्ट मोड में काम कर रहा है। जरूरत होने पर ट्रेेनों को डायवर्ट किया जाता है या फिर इन्हें रद कर दिया जाता है। मंगलवार को भी 28 ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद किया गया है। इस समय ट्रेन का सफर कर रहे हो तो पहले भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर हालात का जायजा लेना सही होगा। 

नेपाल से सटे बिहार में गंगा व कोसी नदी का जलस्तर भी उफान पर है। राज्य के कई इलाकों में रेलवे ट्रैक के पास बाढ़ का पानी पहुंच गया। इसे देखते हुए रेलवे की ओर से लगातार एहतियात बरतते हुए ट्रेनों को रद करने, डायवर्ट करने जैसे जरूरी कदम उठाए गए। मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण पूर्व मध्य रेल 12 मई से 15 अक्टूबर तक अलर्ट मोड में है। साथ ही रेलवे ट्रैक के आस-पास जल जमाव से बचने के लिए समुचित इंतजाम किए गए हैं और लगातार इसकी मॉनिटरिंग भी हो रही है। दरअसल मानसून की भारी बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बाढ़ के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।

बाढ़ की हालात से बचाव के लिए की गई तैयारियों के तहत पूर्व मध्य रेल द्वारा चयनित स्टेशनों पर पत्थरों के बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की खाली बोरियां, बांस-बल्ली आदि पर्याप्त मात्रा में तैयार रखे गए हैं। सभी कल्वर्ट की सफाई के साथ रेल पुलों पर बारिश के पानी को मापने के लिए 'डेंजर लेवल' चिन्हित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले माह हावड़ा और कोलकाता में भारी बारिश के कारण भीषण जलजमाव की वजह से ट्रेनों के परिचालन पर बुरा असर पड़ा और कई ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा। भारी बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है। इसके कारण अधिकांश रेलमार्गों में भी बदलाव किया गया है।

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