NOI :-  कोरोना संक्रमण के मामलेे तेजी से बढ़ने लगे हैं, लेकिन लोग सतर्कता डोज लगाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिले में अब तक 94 प्रतिशत लोगों ने ही पहली डोज लगवाई है। अब तक 58 हजार 703 लोगों ने तो पहली डोज तक नहीं लगाई है। जबकि सतर्कता डोज के मामले में तो जींद जिला काफी पीछे चल रहा है, क्योंकि अब तक 19 हजार 193 लोगों ने ही सतर्कता डोज लगवाई है। स्वास्थ्य विभाग ने जींद जिले में नौ लाख 71 हजार 610 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अब तक नौ लाख 12 हजार 907 लोगों ने पहली डोज लगवाई है, जबकि 7 लाख 27 हजार 556 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है। सतर्कता डोज लगवाने नागरिक अस्पताल के अलावा सभी सीएचसी पर सुविधा दी गई है। बावजूद इसके लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। अब तक लगी 19 हजार 193 सतर्कता डोज में से से 2002 स्वास्थ्य कर्मी, 542 फ्रंट लाइन कर्मचारी व 18 से 44 आयु वर्ग में पांच हजार 91 लोगों को सतर्कता डोज लगवाई गई। जबकि 45 से 60 आयु वर्ग में 4245 लोगों ने सतर्कता डोज लगवाई है। जबकि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के 7313 लोगों ने सतर्कता डोज लगवाई है।
कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नवनीत ने बताया कि सतर्कता डोज लगवाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिले में अब तक 94 प्रतिशत लोगों ने पहली डोज व 74.9 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज लगवा चुका हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बार-बार अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन लोग सतर्कता डोज लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीन है, इसलिए लोग अपने नजदीक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर वैक्सीन लगवानी चाहिए।

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