शिमला NOI :-  हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की एक एक सप्‍ताह में ही दूसरी बैठक बुला ली गई है। मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्‍यक्षता में 20 जुलाई बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे मंत्रिमंडल की बैठक तय हुई है। बताया जा रहा है बैठक का मुख्‍य एजेंडा आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा हो सकता है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों के अलर्ट को देखते हुए सख्‍ती पर निर्णय लिया जा सकता है। आज मुख्‍य सचिव आरडी धीमान ने भी कोरोना की स्थिति की समीक्षा की है। अब सरकार इस संबंध में बड़ा निर्णय ले सकती है।
चुनावी वर्ष में सरकार एक्‍शन मोड में है। नवंबर माह तक प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने प्रस्‍तावित हैं, ऐसे में सरकार के पास दो से तीन माह का समय ही बचा है। इस कारण सरकार जल्‍दी से जल्‍दी ज्‍यादा काम करने के लिए प्रयासरत है। इसी कारण एक सप्‍ताह के बीच ही दूसरी बार कैबिनेट बैठक बुला ली गई है। पिछली बैठक वीरवार को हुई थी और आगामी बुधवार को है। वहीं, सरकार ने चुनावी वर्ष में प्रदेश के 30 हजार आउटसोर्स कर्मियों को राहत देने की तैयारी पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने आउटसोर्स कर्मियों के लिए प्रस्तावित नीति का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। शनिवार को सचिवालय में आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति निर्धारण करने के लिए मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक हुई थी। इसमें उप-समिति के सदस्यों शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने चर्चा की। अधिकारियों को आउटसोर्स कर्मियों के लिए प्रस्तावित नीति का प्रस्ताव जल्द अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। इस पर अंतिम निर्णय बुधवार को होने वाली बैठक में मंत्रिमंडल लेगा।
प्रदेश में तीस हजार आउटसोर्स कर्मचारी वर्षों से सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में सेवा दे रहे हैं। राज्य में पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में भी आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने का प्रयास हुआ था, लेकिन नीति बनने से पहले राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सत्ता पर काबिज हुई।

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