चंडीगढ़ NOI :-  पंजाब की कई जेलों में कैदी नशे के आदी हैं। कैदियों को जेलों में आसानी से नशीले पदार्थ मिल रहे हैं। वह मार्फिन, ट्रामाडोल और ब्यूप्रेनोर्फिन जैसी दर्द निवारक दवाओं के आदी पाए जा रहे हैं। पंजाब में इन दवाओं की बिक्री डाक्टर की पर्ची के बिना किए जाने पर रोक है, परंतु यह दवाएं उन तक पहुंच रही हैं। अहम बात यह है कि जेल स्टाफ के पास नशे के आदी कैदियों का कोई रिकार्ड नहीं है।यह हैरान करने वाली जानकारी प्रदेश सरकार द्वारा जेलों में शुरू की गई ड्रग स्क्रीनिंग मुहिम के तहत सामने आई हैं। पंजाब की विभिन्न जेलों में करीब 6000 कैदियों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 40 प्रतिशत से अधिक कैदी नशे के आदी पाए गए हैं। पुलिस द्वारा अब तक नाभा, मानसा, बरनाला, मुक्तसर और होशियारपुर सहित 11 जिलों में स्थित जेलों में कैदियों की जांच की गई है। पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि राज्य की कुछ जेलों में स्थिति चिंताजनक है। बरनाला में 566 कैदियों की जांच में 252 (45 प्रतिशत) कैदी नशे के आदी पाए गए। इनमें से कई ऐसे भी हैं जिन्हें यह तक नहीं पता कि उन्होंने नशीले पदार्थों का सेवन कब शुरू किया। इन कैदियों को जेल में नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार के लिए नामांकित भी नहीं किया गया था। यह कैदी अलग-अलग तरह के नशीले पदार्थों का प्रयोग करते हैं। अब तक नाभा, मानसा, बरनाला, मुक्तसर, मलेरकोटला, मोगा, फाजिल्का, पट्टी, होशियारपुर और रुपनगर की जेलों में कैदियों की स्क्रीनिंग की गई थी।
सख्त नियमों से ही रुकेगा नशा पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा कि जेलों में नशा बिना कर्मचारियों की मिलीभगत से नहीं पहुंच सकता। सख्त नियमों से ही जेलों में नशीले पदार्थों के सेवन को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि जेलों में कई तरह का नशा होता है। पंजाब में गुटखा और जर्दा को भी नशा माना जाता है, लेकिन कुछ राज्यों में ऐसा नहीं है। पूर्व डीजीपी ने कहा कि सबसे पहले यह जरूरी है कि जेलों में कर्मचारियों की रूटीन में पोस्टिंग हो। लंबे समय तक किसी भी ङ्क्षवग के कर्मचारियों को एक ही जेल में तैनात न किया जाए। जेलों में पोस्टिंग के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप भी होता है। जब तक यह बंद नहीं होगा, तब तक नशे का इस्तेमाल नहीं रुकेगा। जिन जेलों में नशीले पदार्थों का ज्यादा इस्तेमाल, वहां कर्मचारियों पर भी होगी कार्रवाई : बैैंस जेल मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि जेलों में नशे के इस्तेमाल को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जिन जेलों में नशीले पदार्थों का ज्यादा इस्तेमाल होगा, वहां कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर जेल स्टाफ और कर्मचारियों को अवगत करवाया जा चुका है। सरकार नशे को रोकने के लिए पूरे प्रयास कर रही है और इसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं।

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