नई दिल्‍ली, NOI :- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपाक्स रोग को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी (Global Health Emergency) की घोषणा कर दी है। इसका मतलब है कि अब मंकीपाक्स (Monkeypox) दुनियाभर में तेजी से फैल सकता है। यह उन देशों में भी पहुंच रहा है, जहां अभी तक इसका कोई केस पाया नहीं गया था। पिछले एक महीने के अंदर इस रोग से संबंधित मामलों की संख्या बढ़कर पांच गुना हो चुकी है। भारत में भी दिल्‍ली समेत मक्‍कीपॉक्‍स (MonkeyPox in India) के कुल 4 मामले अभी तक सामने आ चुके हैं।

भारत में मंकीपॉक्‍स के अब तक 4 मामले 
मंकीपाक्स के बारे में अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। इसकी वजह से इंसानों का स्वास्थ्य खतरे में है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ मिलकर सभी देशों को इसके विरुद्ध संघर्ष करने की जरूरत है। इससे पहले जनवरी 2020 में डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। भारत में मंकीपाक्स के अब तक कुल चार केस सामने आए हैं, जिनमें तीन मरीज केरल में पाए गए और चौथा मरीज देश की राजधानी दिल्ली में पाया गया है।

दुनिया भर के 75 देशों तक पहुंचा मंकीपॉक्‍स 
केरल में पाए गए मंकीपाक्स से संक्रमित तीनों मरीज यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) से लौटे थे और वहीं पर वे किसी संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे, लेकिन दिल्ली में संक्रमित हुए चौथे मरीज की तो कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं पाई गई है। मंकीपाक्स अब तक दुनिया भर के 75 देशों तक पहुंच चुका है। इसके 16 हजार मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 80 प्रतिशत केस अकेले यूरोप में हैं। अमेरिका में भी इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। इससे पूर्व वहां मंकीपाक्स कभी नहीं फैला था।

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मंकीपाक्स का इन्क्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन
 अमेरिका के सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक साल 1958 में यह रोग पहली बार सामने आया था। दरअसल, रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में यह पाया गया था। उन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई पड़े थे। इसीलिए इस बीमारी का नाम मंकीपाक्स रखा गया है। मंकीपाक्स का इन्क्यूबेशन पीरियड छह से 13 दिन तक हो सकता है। इन्क्यूबेशन पीरियड का मतलब होता है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद रोग के लक्षण दिखने में कितने दिन लगे हैं।

बुखार, सिर दर्द, सूजन...ये हैं मंकीपॉक्‍स के लक्षण
 मंकीपाक्स से ग्रस्त होने के पांच दिन के भीतर रोगी को बुखार, सिर दर्द, सूजन, पेट दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शुरुआत में यह चिकनपाक्स, खसरा या चेचक की तरह दिखता है। बुखार होने के एक से तीन दिन बाद इसका असर त्वचा पर दिखना शुरू हो जाता है। शरीर पर दाने निकल आते हैं। हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। इन दानों की संख्या कुछ या फिर हजारों तक भी हो सकती है। ये दाने घाव की तरह दिखाई देते हैं और फिर सूखकर खुद ही झड़ जाते हैं, लेकिन अगर संक्रमण गंभीर हो तो ये दाने तब तक ठीक नहीं होते, जब तक कि त्वचा ढीली न हो जाए।

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