नई दिल्ली NOI :- सफदरजंग अस्पताल से सेवानिवृत्त एंबुलेंस चालक की मौत के बाद पत्नी को पेंशन ना मिलने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने पेंशन का भुगतान करना सुनिश्चित कराया। महिला को 33 वर्षो से मासिक पेंशन से वंचित किया जा रहा था।

वह भुगतान किया जाए। आयोग के आदेश के बाद अस्पताल के वेतन और लेखा कार्यालय ने 22 जून को आयोग को सूचित किया कि महिला को 9000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।

मार्च 2022 तक के बकाया भुगतान को भी सुनिश्चित किया जाएगा। मानवाधिकार आयोग ने पीडि़ता की शिकायत के आधार पर मामला सुना था। आयोग द्वारा संबंधित अधिकारियों को दिए गए नोटिस के जवाब में आयोग को सूचित किया गया कि जिस फाइल के माध्यम से विभाग द्वारा ज्ञापन जारी किया गया था, वह नष्ट हो गई थी।

यह भी बताया गया कि पेंशन भुगतान उनके पति के पक्ष में जारी किया गया था। क्योंकि परिवार पेंशन कालम अविवाहित के रूप में छोड़ दिया गया था। इसलिए परिवार पेंशन अधिकृत नहीं थी। आयोग ने पारिवारिक पेंशन से इन्कार करने के ऐसे किसी भी नियम के आधार पर तर्क को स्वीकार नहीं किया।

आयोग ने पाया कि फाइल नष्ट होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी आवेदक के पास उपलब्ध प्रतियों के आधार पर नई फाइल बनाने में सक्षम है। इस पर विभाग ने महिला की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पेंशन की स्वीकृति दे दी।

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