राजस्थान के करौली में शादी के 7 साल बाद एक साथ हुए पांच बच्चे, प्री-मैच्योर डिलीवरी के कारण सभी की मौत
उदयपुर NOI :- राजस्थान के करौली जिले में एक महिला ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया। सात महीने में हुई प्री-मैच्योर डिलीवरी और कमजोर बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन किसी को नहीं बचाया जा सका। करौली के जिला अस्पताल से रेफर प्री-मैच्योर बच्चों में से चार ने रास्ते में तथा एक जयपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। सभी बच्चे तीन सौ से 660 ग्राम वजन के थे।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को करौली जिले के मासलपुर क्षेत्र के पिपरानी गांव के पच्चीस वर्षीया रेशमा पत्नी अश्क अली को उसके परिजन एक निजी अस्पताल ले गए। जहां उसने पांच बच्चों को जन्म दिया। जिनमें दो लड़के और तीन लड़कियां थीं। सात महीने की प्री-मैच्योर डिलीवरी और बेहद ही कमजोर बच्चे होने से उन्हें करौली के जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। जिस पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए।
सात महीने में जन्मे बेहद कमजोर शिशु
शादी के सात साल बाद हुए बच्चे, किन्तु नहीं बचाए जा सके
बताया गया कि अश्क अली केरल में मार्बल फिटिंग का काम करता है। उसकी शादी के सात साल हो चुके थे और उसके बच्चे नहीं हो रहे थे। जिसके चलते उसने दर्जनों चिकित्सकों से अपना और अपनी पत्नी का उपचार कराया। सात साल बाद एक साथ पांच बच्चे हुए लेकिन प्री-मैच्योर डिलीवरी के चलते किसी को नहीं बचाया जा सका। हालांकि डिलीवरी के बाद मां रेशमा पूरी तरह स्वस्थ है।
स्त्री रोग विशेषज्ञा ने कहा
इस मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञा डॉ. कैलाश शर्मा का कहना है कि लंबे समय तक बच्चे नहीं होने के बाद उपचार लेने वाली महिला को एक साथ जुड़वा या अधिक बच्चों के जन्म के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन एक साथ पांच बच्चों के जन्म का मामला बिरला ही है। हालांकि अफसोस है कि उन बच्चों को नहीं बचाया जा सका। ऐसी डिलीवरी उसी स्थान पर करानी चाहिए, जहां सारी चिकित्सा व्यवस्था हो।
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