NOI :-  हरियाणा के हिसार में  एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के एक बर्खास्‍त कर्मचारी की फिर से बहाल कराने के लिए उसके दोस्‍त ने खुद को हाई कोर्ट का पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बन कर फोन कर दिया। उसने पास्‍को एक्‍ट में सजायाफ्ताव बर्खास्‍त कर्मचारी को बहाल करने के लिए डीएचबीवीएन (DHBVN) के एमडी को फोन कर आदेश दिया। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है।

हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जांच पर स्‍टेटस रिपोर्ट मांगी है

इस मामले में हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जांच की स्‍टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए कुछ समय देने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए यह भी पूछा कि क्या मामले की जांच पूरी हो चुकी है या अभी जारी है। कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए 11 अगस्त तक इस बाबत कोर्ट में जवाब दायर करने का निर्देश दिया।

मामले के अुनसार, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट ) के तहत सजायाफ्ता दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के एक सहायक लाइनमैन बलवान सिंह को निगम के एमडी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था। कर्मचारी ने बहाली के लिए अपने एक दोस्त रविंद्र जांगड़ा से सहायता करने को कहा। जांगड़ा ने अपने दोस्त अवतार सिंह से इस मामले में कुछ करने को कहा।

इसके बाद अवतार सिंह ने बलवान सिंह को उसके सजा व अन्य दस्तावेज मोबाइल पर भेजने को कहा। इसके बाद अवतार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का विशेष सचिव रविंद्र शर्मा बनकर बिजली निगम के एमडी बलकार सिंह को फोन किया। उसने कहा कि चीफ जस्टिस आपसे बात करना चाहते हैं।

तभी किसी अन्य व्यक्ति ने चीफ जस्टिस बनकर बात की और एमडी को कहा कि वह सहायक लाइनमैन बलवान सिंह को बहाल करें। इसके बाद अवतार ने बलवान सिंह को कहा कि उसकी एमडी से बात हो गई है और वह एमडी से मिल ले। वह बहाल हो जाएगा। यह मामला सामने आने के बाद एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने चीफ जस्टिस को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद निगम के एमडी बलकार सिंह (आइएएस) ने हिसार अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच कर अवतार, बलवान, रविंद्र व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पाया गया कि जिस मोबाइल नंबर से एमडी को फोन किया गया था, वह अवतार सिंह का था और उसकी लोकेशन पंजाब में थी। इसके बाद अवतार व रविंद्र ने हाई कोर्ट में नियमित जमानत की मांग को लेकर याचिका दायर कर दी।

मामले की सुनवाई के दौरान जब बेंच को सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपितों ने चीफ जस्टिस बन कर आइएएस अफसर के निजी मोबाइल नंबर पर सजायाफ्ता व बर्खास्त कर्मचारी को बहाल करने का आदेश दिया था तो इस पर बेंच ने हैरानी जताते हुए मामले की जांच पर रिपोर्ट मांगी।

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