नई दिल्‍ली, NOI :-  दुनियाभर में मंकीपाक्‍स के मामले बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक इसके मामलों की संख्‍या 18000 को भी पार कर गई है। दुनिया के 78 देशोंमें सामने आने वाले इन मामलों से विश्‍व की चिंता भी बढ़ गई है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि विश्‍व अब भी कोरोना महामारी से पूरी तरह से निजाद नहीं पा सका है। वैश्विक स्‍तर पर इसके मामलों में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस बीव डब्‍ल्‍यूएचओ ने विश्‍व स्‍तर पर कहा है कि फ्रंट लाइन वर्कर्स को इससे बचाव की वैक्‍सीन दी जानी चाहिए। इनमें हैल्‍थ सेक्‍टर से जुड़े कर्मी और हाई रिस्‍क वाले लोग शामिल हैं। हालांकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने ये भी कहा है कि इस वैक्‍सीन को हर किसी को देने की कोई जरूरत नहीं है।

WHO चीफ का बड़ा बयान

डब्ल्यूएचओ प्रमुख का कहना है कि कनाडा, अमेरिका और यूरोपीयन यूनियन MVA-BN वैक्‍सीन जिसका इस्‍तेमाल चेचक या Smallpox में किया जाता है, को मंकीपाक्‍स के मरीजों को देने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा दो और वैक्‍सीन को लेकर भी चर्चा की जा रही है। ये वैक्‍सीन LC16 और ACAM 2000 हैं। डब्‍ल्‍यूएचओ ने सभी देशों से कहा है कि वो वैक्‍सीन की उपयोगिता को लेकर सही जानकारी मुहैया करवाएं। इससे वैश्विक स्‍तर पर मंकीपाक्‍स के बढ़ते मामलों को रोकने और इसके इलाज में भी मदद मिल सकेगी। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रमुख ने ये भी साफ कर दिया है कि इन वैक्‍सीन से संक्रमण की रफ्तार तुरंत कम हो जाएगी ऐसा नहीं होगा। न ही ऐसा होगा कि मरीज को देने से वो तुरंत ठीक हो जाएगा। इसमें कुछ समय लगेगा। ये समय कुछ दिनों से कुछ सप्‍ताह का भी हो सकता है।

केवल वैक्‍सीन ही उपाय नहीं

वैक्‍सीन को लेने के बाद भी मंकीपाक्‍स के संक्रमित व्‍यक्ति को खुद को बचाए रखने के लिए सभी सावधानियां बरतनी होंगी। उसको अन्‍य व्‍यक्तियों से दूरी बनाकर रखनी होगी, संबंध बनाने से बचना होगा। साथ ही वो सभी सावधानियां बरतनी होंगी जिनकी वजह से मंकीपाक्‍स फैल सकता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी WHO ने इस वैक्‍सीन की उपलब्‍धता को लेकर भी चिंता जताई है।

कितनी हैं वैक्‍सीन की खुराक 

WHO का कहना है कि विश्‍व स्‍तर पर मौजूदा समय में Smallpox की वैक्‍सीन MVA-BN की केवल 16 लाख ही खुराक हैं। ये सभी खुराक बल्‍क में हैं जिनको फिल और फिनिश करने में और इस्‍तेमाल के लिए तैयार करने में कुछ महीनों का समय लग सकता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने उन सभी देशों से अपील की है जहां ये वैक्‍सीन उपलब्‍ध हैं कि उन्‍हें दूसरों के साथ शेयर करें जहां पर ये नहीं हैं।

सभी को मिले वैक्‍सीन

यूएन चीफ ने कहा है कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी को ये वैक्‍सीन मिल सके, जिससे संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सके और मरीजों का इलाज भी हो सके। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संठन उन देशों के संपर्क में भी है जहां पर इसकी सख्‍त जरूरत है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि मंकीपाक्‍स से बचने के लिए वैक्‍सीन जहां कारगर साबित हो सकती है वहीं इसकी जांच, बचाव, इलाज इससे लड़ने के सबसे बड़े हथियार हैं।

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