राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल ने सरकाराें और अफसराें को लिया आड़े हाथ, बोले- पर्यावरण बचाने को लेकर कोई गंभीर नहीं
किसी भी अधिकारी की जवाबदेही नहीं की जाती तय
संत सीचेवाल ने कहा कि करोड़ाें रुपये खर्च करके ट्रीटमेंट प्लाट पर लगाए गए हैं, लेकिन संभाल ना होने के चलते यह कुछ ही समय में बंद हो जाते हैं। इसके लिए किसी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं की जाती। उन्होंने एनजीटी चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की मौजूदगी में मांग करते हुए कि इस सब के लिए जिम्मेदारी तय हो। सीचेवाल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठा रही है और अगर अब भी काम न हुआ तो वह जरूर बोलेंगे।
नदियों को पक्का किए जाने पर भी उठाए सवाल
पटियाला में बड़ी और छोटी नदी को पक्का किए जाने पर भी सीचेवाल ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नदी को पक्का करने में करोड़ाें रुपए ख਼र्च दिए, लेकिन इसमें बहने वाला पानी अभी भी दूषित है। बेहतर होता अगर पानी को साफ करने के लिए योग्य स्थानों पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए होते। उन्होंने कहा कि इससे नदियों का कुदरती रूप बरकरार रहता और पानी भी साफ हो जाता।
हमारा किसी पर कोई दबाव नहीं : कैबिनेट मंत्री
वहीं इस उपरांत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि सरकार आपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारा किसी पर कोई दबाव नहीं है। बस एक ही दबाव यह है कि पंजाब का पर्यावरण शुद्ध करना है और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाए।
बता दें कि, संत सीचेवाल नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के अपने संकल्प के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सुल्तानपुर लोधी में श्री गुरु नानक देव जी से जुड़ी 160 किमी लंबी पवित्र काली बेईं नदीं को प्रदूषण मुक्त किया है। काली बेईं में छह नगरों और करीब 40 गांवों का प्रदूषित पानी गिरता था और उसने नदी ने नाले का रूप ले लिया था।
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