NOI :-  नगर पंचायत गगरेट की ओर से एक नया फरमान नगर पंचायत के अधीन आने वाली पंचायतों के लिए जारी किया है। इसके अनुसार अब नगर पंचायत के क्षेत्र में व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्कूल अस्‍पताल और बैंक को भी टैक्स देना होगा। इसके लिए बकायदा नगर पंचायत ने एक नोटिस दुकानदारों को जारी किया है, जिसमें दुकान के हिसाब से अलग दाम तय किए हैं। हालांकि, रिहायशी क्षेत्रों के लिए पहले से ही टैक्स लिया जा रहा है। लेकिन दुकानों के लिए अभी हाल ही में इसे लागू किया गया है। नगर पंचायत का तर्क है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश पर तमाम दुकानों व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से गीला कूड़ा व सूखा कचरा उठाया जाता है। इस कचरे को इकठ्ठा करने व अलग करने के लिए सफाई कर्मियों को पैसे देने पड़ते हैं, इसलिए दुकानों के लिए अब कचरे का शुल्क लिया जाएगा। हालांकि इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं लेकिन फिलहाल के लिए नगर पंचायत ने टैक्स जमा करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
हालांकि नगर पंचायत का तर्क यह भी है कि ये कर वर्ष 2018 से लागू है। लेकिन इस कर को किन्हीं कारणों से वसूला नहीं गया। लेकिन अब जनरल हाउस में इसका प्रस्ताव पारित कर दिया गया है और टैक्स पर सभी की एक सहमति बन गई है। इसलिए इसे अब फि‍र से वसूलना शुरू किया जाएगा। नगर पंचायत ने यह स्थिति साफ नहीं कि वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक का टैक्‍स लेगी या नए सिरे से वसूल किया जाएगा। इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है। लेकिन नगर पंचायत के लगे टैक्स के घेरे में स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्‍पताल और बैंक तक हैं।

किसको कितना चुकाना होगा कर

  • पान और चाय की दुकान - 40 रुपये
  • डेली नीड शाप              - 50 रुपये
  • टायर पंचर की दुकान      - 75 रुपये
  • क्लीनिक, रेहड़ी फड़ी, नाई, स्कूल और आंगनबाड़ी ---- 100 रुपये
  • सब्जी और फल बिक्रेता, ढाबा, वर्कशाप, कैमिस्ट   - 150 रुपये
  • स्नैक शाप, मेडिकल स्टोर के साथ क्लीनिक, लैबोरटरी - 200 रुपये
  • हलवाई की दुकान और थोक सब्जी की दुकान - 250 रुपये
  • बेकरी के लिए 350 रुपये
  • मीट शॉप के लिए 500 रुपये
  • वाहन शोरूम, रिपेयर एंड स्पेयर, कम क्षेत्रफल घेरने वाले बैंक 750 रुपये
  • रेस्टोरेंट व ज्यादा क्षेत्रफल घेरने वाले बैंक 1000 रुपये
  • अस्‍पताल 1500 रुपये
  • शॉपिंग माल 2000 रुपये प्रति माह टैक्‍स देना होगा।

वसूला जाएगा टैक्‍स

नगर प‍ंचायत गगरेट के कनिष्‍ठ अभियंता राजीव कुमार का कहना है वर्ष 2018 में आवासीय कर के साथ-साथ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर यह टैक्‍स लगाए गए थे। लेकिन इन्हें उस समय वसूला नहीं जा सका, इन्हें अब वसूला जाएगा।

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