कसोल NOI :-  अगर आप भी प्रकृति के संग रहने और रोमांचक यात्राएं करने का शौक रखते हैं तो कसोल आपके लिए सबसे बेहतरीन पर्यटक स्थल हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में स्थित कसोल पार्वती घाटी में हैं। यहां पुराना व नया कसोल दो गांव हैं। पार्वती नदी के किनारे और देवदार के पेड़ों के बीच बसा यह गांव ट्रैकिंग, कैपिंग के लिए सबसे बेहतरीन स्थान हैं। यहां से मलाणा, तोष, पुलगा, तुलगा, बरशैणी जैसे मनमोहन स्थल हैं। विदेशी पर्यटकों की आमद भी सबसे अधिक कसोल में रहती है। मनाली के बाद दूसरा प्रसिद्ध स्थल है कसोल।
भुंतर से जब आप मणिकर्ण की ओर चलते हैं, तो पार्वती नदी आपके साथ-साथ 12 किलोमीटर दूर पर कसोल आता है। पुराने व नए कसोल में एक पुल का अंतर है। नए कसोल में नेचर पार्क और पार्वती नदी किनारे जगह-जगह पर लगी कैंपिंग साइट आपको आकर्षित करेंगे। इसके साथ ही यहां पर एक शांत वातावरण आपको प्रकृति का असली एहसास करवाएगा। कसोल में जब आप घूमने निकलते हैं तो यहां पर पगडंडियों के जरिए ही ऊंचे पहाड़ों की ओ जाना अपने आप में रोमांच का एहसास करवाता है। ट्रैक्स यहां पर अक्सर आपको आसानी से मिल जाएंगे। कसोल के पहाड़ों पर कैपिंग का आनंद और यहां पर होने वाले स्थानीय कार्यक्रम पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाते हैं। रेव पार्टियों के लिए भी कसोल दुनिया भर में प्रसिद्ध है। कसोल से 7 किलोमीटर की दूरी पर मणिकर्ण मंदिर व गुरुद्वारा है। यह हिंदू और सिक्ख समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

गर्म पानी के चश्मों का अपना अलग मजा

पार्वती घाटी में मणिकर्ण के गुरुद्वारे के अलावा कसोल में भी गर्म पानी के प्राकृतिक स्रोत हैं। पर्यटक यहां भी अपना अधिकतर समय बिताते हैं। यहां वन विभाग के विश्राम गृह में इसके लिए अलग से व्यवस्था है। गर्म पानी को पानी यहां तक पहुंचाया गया है।

इजरायलियों का अपना क्लब

कसोल ऐसी जगह है जहां पर इजरायली पर्यटक काफी मात्रा में आते हैं। यहां पर इजरायलियों ने खवादोष नामक अपना क्लब भी बनाया है। अधिकतर इजराइली पर्यटक कुठला में रहते हैं। वादियों के बीच अकसर आपको बांसूरी और ढोलक की आवाज अपनी ओर आकर्षित करेगी।

कसोल के साथ-साथ खीर गंगा तक ट्रैक

कसोल घुमने आए हैं तो ट्रैकिंग करते हुए खीर गंगा, पुलगा, तुलगा तक आप आराम से जा सकते हैं। यहां बरशैणी में पार्वती नदी पर बना बांध पार करके जाना पड़ता है। तोष में स्थित खीर गंगा सबसे प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट है। पैदल कच्ची सड़क के जरिए बरशैणी तक पहुंचा जाता है। यहां पर ड्राइविंग करने का भी अलग ही अनुभव होगा। आमतौर पर फाेर वाई फोर वाहन ही यहां तक पहुंच पाते हैं। खीर गंगा के लिए 15 से 20 किलोमीटर पैदल सफर है। पुलगा व तुलगा के लिए दो-दो किलोमीटर पैदल चलता पड़ता है।

इजरायलियों का अपना क्लब

कसोल ऐसी जगह है जहां पर इजरायली पर्यटक काफी मात्रा में आते हैं। यहां पर इजरायलियों ने खवादोष नामक अपना क्लब भी बनाया है। अधिकतर इजराइली पर्यटक कुठला में रहते हैं। वादियों के बीच अकसर आपको बांसूरी और ढोलक की आवाज अपनी ओर आकर्षित करेगी।

मलाणा जाने के लिए भी यही मार्ग

अगर आप कसोल आए हैं तो यहां मलाणा जाना न भूले। कसोल से पांच किलोमीटर पीछे जरी गांव से आगे मलाणा के लिए रास्ता जाता है। मलाणा विश्व का सबसे प्राचीन लोकतंत्र हैं। यहां आजकल मेले का आयोजन हो रहा है। मलाणा गांव के मुख्य द्वार तक ही वाहन जाते हैं तथा आगे दो किलोमीटर पैदल है। यहां भी प्राकृतिक का अनूठा अनुभव आपको मिलेगा।

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