नई दिल्ली, NOI : युवाओं में सेना और दूसरे सुरक्षा बलों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार अब सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों को अनिवार्य एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) प्रशिक्षण से जोड़ने की तैयारी में है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। फिलहाल इसकी शुरुआत सभी केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से होगी।

आदिवासी बहुल क्षेत्रों में होगा विशेष फोकस

इस दौरान आदिवासी बहुल क्षेत्रों को प्राथमिकता से शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूलों में एनसीसी विंग के विस्तार की यह योजना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के बाद बनाई गई है, जिसमें रक्षा मंत्रालय की मदद से राज्य सरकारों को इसके लिए प्रोत्साहित करने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि इससे छात्रों की प्रतिभा की पहचान में मदद मिलेगी। इससे वह सेना और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर अपने करियर को भी संवार सकेंगे।

केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से होगी शुरुआत

सूत्रों के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने इस योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में देशभर के सभी केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों में इस प्रशिक्षण को शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यों को भी इसकी तैयारी करने को कहा है। फिलहाल ऐसे सभी केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों की जानकारी जुटाई जा रही है, जहां मौजूदा समय में एनसीसी प्रशिक्षण की सुविधा नहीं है। माना जा रहा है कि इस जानकारी के मिलने के बाद सरकार जल्द ही रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर इसे मंजूरी ले सकती है।

हालांकि, मानसूत्र सत्र में राज्यसभा में लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने इस बात से इन्कार किया था कि केंद्र सरकार स्कूलों और कालेजों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में एनसीसी में भाग लेने वाले स्कूलों, इंटर कालेजों व डिग्री कालेजों की संख्या क्रमश: 11,804, 1,757 व 5,303 है।

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