सीबीआइ ने क्यों मारा मनीष सिसोदिया समेत दिल्ली के अफसरों के ठिकानों पर छापा, मामला जानने के लिए पढ़िये स्टोरी
नई दिल्ली NOI :- दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-22 (Delhi New Excise Policy 2021-22) में गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर समेत 21 जगहों पर छापेमारी चल रही है। आइये जानते हैं कि क्या है यह मामला, जिसमें सीबीआइ जांच की कड़ी में छामेपारी हुई है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली में नई शराब नीति को लेकर मनीष सिसोदिया जांच के घेरे में आ गए थे। शराब नीति में गड़बड़ी को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद सीबीआइ मामला दर्ज कर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में कई नियमों की अनदेखी और लाइसेंस आवंटन के दौरान गड़बड़ी की बात सामने आई है। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना का आरोप है कि दिल्ली में शराब कारोबारियों से अरविंद केजरीवाल सरकार की साठगांठ की पोल खुल गई है।
दरअलल, दिल्ली के मुख्य सचिव की शुरुआती सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की सिफारिश की गई। इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई शराब नीति को लेकर सीबीआइ जांच को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था। अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि ये पूरा केस झूठा है और मनीष सिसोदिया को जेल भेजने की साजिश रची जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था कि मैं मनीष सिसोदिया को 22 साल से जानता हूं, वह ईमानदार आदमी हैं।
अवरिंद केजरीवाल ने कहा था कि तुम सावरकर की औलाद हो, हम भगत सिंह की औलाद हैं। हमें जेल जाने से डर नहीं लगता है। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा ता कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है तब से यह हमारे पीछे पड़ी है। भाजपा नहीं चाहती है कि आम आदमी पार्टी देश में फैले।
वहीं, यह भी आरोप है कि शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’’ देने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने’’ के बारे में जानकारी दी गई है।
बता दें कि 17 नवंबर, 2021 से दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए। दिल्ली कैबिनेट ने 5 मई को हुई अपनी बैठक में आबकारी नीति 2022-23 को मंजूरी दी थी।
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