NOI :-  शिवहर के युवाओं के लंबे संघर्ष और तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह मजबूत पहल के बाद अब वर्तमान डीएम मुकुल कुमार गुप्ता और सीएस डॉ. एसके झा की सक्रियता से शिवहर में ब्लड बैंक के लिए लाइसेंस और प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। इसके साथ ही शिवहर में ब्लड बैंक की स्थापना की राह आसान हो गई है।

लाइसेंस के अभाव में एक साल से इंतजार

स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड बैंक के संचालन को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. रिजवान की तैनाती भी कर दी है। शिवहर सदर अस्पताल में निर्मित ब्लड बैंक रेडी मोड में है। केंद्रीय टीम कई बार इसका निरीक्षण कर व्यवस्था को हरी झंडी दे चुकी थी। लेकिन, लाइसेंस के अभाव में एक साल से ब्लड बैंक की शुरूआत का इंतजार हो रहा था। जून में विधान पार्षद फारूख शेख ने विधान परिषद में मामला उठाया था। सरकार की ओर से एक माह में ब्लड बैंक शुरू करने का आश्वासन दिया गया था।

सदर अस्पताल में शीघ्र ब्लड बैंक की स्थापना

इसी बीच निदेशालय औषधि नियंत्रण एवं प्रशासन नई दिल्ली ने 27 जून को शिवहर में ब्लड बैंक के लिए लाइसेंस जारी कर दिया। इसके आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण एवं प्रशासन बिहार ने 17 अगस्त को ब्लड बैंक संचालन की स्वीकृति प्रदान किया है। डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा के अनुसार अब शीघ्र ही सदर अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना हो जाएगी। इसके साथ ही खून के अभाव में मरीज को रेफर करने की चिकित्सकों की मजबूरी समाप्त हो जाएगी।

ब्लडबैंक के अभाव में मरीजों का आपरेशन रुका

बताते चलें कि, जिले की स्थापना के ढाई दशक बाद भी शिवहर में ब्लड बैंक की स्थापना नहीं हो सकी है। पांच-छह साल पूर्व मातृ-शिशु अस्पताल में रक्त संग्रहण केंद्र की स्थापना की पहल की गई थी। उपकरण की भी खरीदारी की गई थी। लेकिन तमाम उपकरण बर्बाद हो गए थे। ब्लडबैंक के अभाव में मरीजों का आपरेशन नहीं हो रहा था। चिकित्सक रिस्क लेने के बजाए मरीज को रेफर कर दे रहे थे। इधर, मुकुंद प्रकाश मिश्रा के नेतृत्व में संघर्षशील युवा अधिकार मंच नामक संगठन पिछले पांच-सात साल से आंदोलन चला रही थी। वर्ष 2017 में आंदोलन को गति मिली थी।

मामले को चेतन आनंद ने विधान सभा में उठाया

विधानसभा चुनाव के बाद लगातार हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था। पूरे शहर की सड़क, प्रमुख चौक-चौराहा बाजार और सार्वजनिक वाहनों पर पोस्टर चस्पाकर शिवहर को चाहिए ब्लड बैंक अभियान चलाया गया था। जबकि, मुकुंद प्रकाश मिश्रा लगातार ब्लड बैंक को लेकर आरटीआई लगा रहे थे। एक साल पूर्व मामले को विधायक चेतन आनंद ने भी विधान सभा में उठाया था। इसके बाद पिछले साल सरकार ने ब्लड बैंक की स्थापना की स्वीकृति दी थी।

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