भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा, पंजाब में पांच महीने में 135 अफसर गिरफ्तार, स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ भी हुआ एक्शन
भ्रष्टाचार के आरोप में मान सरकार ने खुद की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त किया और बाद में भ्रष्टाचार के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, 2008-बैच के आइएएस अधिकारी संजय पोपली को गिरफ्तार करने सहित कई बड़े नेताओं अधिकारियों पर शिकंजा कसा है।
निदेशक पेंशन और भारतीय वन सेवा (आइएफएस) अधिकारी विशाल चौहान पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा, दो सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत जुलाई के महीने में ही पांच अलग-अलग मामलों में आठ सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
आरोपितों में पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के दो कर्मचारी और लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तीन कर्मचारी शामिल हैं। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 14 आपराधिक मामले दर्ज किए थे, जिनमें 20 आरोपित भ्रष्टाचार में शामिल थे।
इन आपराधिक मामलों में, चार पुलिस कर्मियों, दो राजस्व अधिकारियों और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट लुधियाना के छह कर्मचारियों सहित इसके पूर्व अध्यक्ष रमन बाला सुब्रमण्यम पर विजिलेंस की जांच चल रही है। सुब्रमण्यम की पहचान एक शक्तिशाली अधिकारी के रूप में है, जिनकी देखरेख में यह घोटाला हुआ था।
विजिलेंस ब्यूरो ने करीब 80 निजी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है। सात मामलों में, विभिन्न अदालतों द्वारा आठ सरकारी अधिकारी और एक निजी व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है। वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर पर परिवहन टेंडर आवंटित करने के मामले में पूर्व खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ शुक्रवार को नया मामला दर्ज किया गया है और इस विभाग के केई अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं।
पंजाब सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन में शिकायतों के कारण 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 40 प्राथमिकी दर्ज की गईं। सरकार को दिए गए नंबर पर आडियो/वीडियो रिकार्डिंग के साथ 4135 शिकायतें मिलीं हैं।
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