Women empowerment : कपास के उन्नत किस्म के बीज तैयार कर मंजू रानी, पढ़ें संघर्ष की कहानी
खुद ही तैयार कर बीज तैयार
मंजु रानी को अब कपास के उन्नत किस्म के बीज तैयार करने में पूरी जानकारी हो चुकी है। कपास की फसल बिजाई करने के बाद जब फूल खिलने लगते हैं। इसके बाद अलग अलग क्यारी में तैयार नर व मादा पौधों के आपस में मिलान किया जाता है। यह कार्य कपास के फूल खिलने तक करीब 50 दिन तक करना होता है। इसमें दूसरी महिला मजूदरों को भी साथ रखा जाता है। इसके बाद कपास की फसल होने पर बीज को निकाल लेते हैं। जबकि रूई को बेच देते हैं।
घर पर की करते हैं पैकिंग
मंजु रानी ने बताया कि पांच एकड़ में कपास की बिजाई करती है। इनमें देसी कपास व नरमा की किस्म तैयार करते हैं। कपास की फसल की जब चुनाई कर लेते हैं। इसके बाद विभिन्न किस्म के तैयार बीज की घर पर ही पैकिंग करते है। इससे प्रतिवर्ष एक एकड़ में चार लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। इसी के साथ दूसरी महिलाओं को भी रोजगार मिलता है।
राज्य स्तर पर हो चुकी है सम्मानित
उन्नत किस्म के बीज तैयार करने में मंजु ने जहां अपनी पहचान बनाई है। इसी के साथ मंजू रानी कृषि कार्य करने पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेले में मंजू कपास के उन्नत बीज तैयार करने पर भी सम्मानित हुई है। इसी के साथ कई बार जिला स्तर पर सम्मानित हुई है।
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