Manimahesh Yatra: मणिमहेश ही नहीं गडासरू महादेव यात्रा को लेकर भी श्रद्धालुओं में खासा उत्साह, यह है ट्रैक
मणिमहेश डल न्हौण के साथ ही गडासरू महादेव का भी डल पर्व लगता है। जिले की सभी झीलों में केवल यही ऐसी झील है, जिसकी डल यात्रा परिक्रमा से होती है। इस डल यात्रा में देवी कोठी की ओर से कई भक्तों ने जगह-जगह लंगरों की व्यवस्था की होती है। परिक्रमा में तीसा की ओर से गडासरू महादेव लंगर कमेटी लंगर की व्यवस्था करती है।
इस तरफ से पहुंचें गडासरू महादेव
चंबा से 72 किलोमीटर चुराह घाटी का मुख्यालय भंजराडू (तीसा) है। वहां से 25 किलोमीटर बैरागढ़ है। बैरागढ़ से 16 किलोमीटर चैंहणी पास पर देवीकोठी गांव है। आगे की यात्रा पैदल है। डल यात्री पहला पड़ाव देवीकोठी में बैरावाली चामुंडा माता के ऐतिहासिक मंदिर के प्रांगण में डालते हैं। दूसरा पड़ाव घने वन से गुजरने के बाद भ्रटा-किलोन नामक स्थान पर समतल मैदान में होता है। उसके बाद तुषार पर्वत की चढ़ाई पार कर यात्री रात को गौरीकुंड के पास गुफाओं में डेरा लगाते हैं। वहां से एक किलोमीटर चढ़ाई पार करने के बाद डल महादेव के दर्शन होते हैं। डल स्नान के बाद यात्री बांदर घाटी से होकर घर लौटते हैं। इसी मार्ग पर बाड़ा जंगल में तांबे की खान भी है।
यह बोले स्थानीय विधायक
विधानसभा उपाध्यक्ष एवं विधायक हंसराज का कहना है गडासरू महादेव चुराह क्षेत्र में पवित्र व रमणीक स्थल है। पर्यटक स्थल के साथ सामरिक दृष्टि से भी यह अति महत्वपूर्ण है। इसे सड़क सुविधा से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। सकलोगा-दुदरा सड़क को नोसराधार तक ले जाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। यात्रियों को अन्य सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया करवाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
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