NOI :-  चंबा के चुराह में स्थित पवित्र गडासरू महादेव यात्रा आज भी भोलेनाथ के भरोसे ही चल रही है। वादों और आश्वासनों के बावजूद प्रशासन यात्रियों के लिए किसी तरह की स्वास्थ्य व सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं करवा पाया है। हर वर्ष सैकड़ों श्रद्धालु गडासरू महादेव झील में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। हालांकि प्रशासन व सरकार की ओर से हर वर्ष इस यात्रा के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बात कही जाती है, पर धरातल पर कुछ नहीं हो पाया है। विभिन्न क्षेत्रों से अपने जोखिम पर यात्रा कर झील तक पहुंचने वाले श्रद्धालु प्रशासन व सरकार की कार्यप्रणाली पर नाराज हैं।
अपर चुराह के उत्तर में स्थित नोसराधार की पर्वत शृंखलाओं में अनोखा एवं पवित्र स्थल गडासरू महादेव विद्यमान है। रुद्र भगवान की यह डल लगभग 3,470 मीटर (11,380 फीट) ऊंचाई पर स्थित है। झील के दोनों ओर घास के सुंदर मैदान हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डल और आसपास कई प्रकार के चमत्कार होते रहते हैं। डल से करीब डेढ़ किलोमीटर ऊपर काले रंग की महाकाली की झील है। डल के पूर्वोत्तर के पहाड़ शिवलिंग की तरह हैं। उत्तर-पश्चिम में आपस में जुड़ी हुई दिखने वाली दो पर्वत चोटियां हैं, जिन्हें 'पाप-पुण्यÓ के नाम से जाना जाता है।

मणिमहेश डल न्हौण के साथ ही गडासरू महादेव का भी डल पर्व लगता है। जिले की सभी झीलों में केवल यही ऐसी झील है, जिसकी डल यात्रा परिक्रमा से होती है। इस डल यात्रा में देवी कोठी की ओर से कई  भक्तों ने जगह-जगह लंगरों की व्यवस्था की होती है। परिक्रमा में तीसा की ओर से गडासरू महादेव लंगर कमेटी लंगर की व्यवस्था करती है।

इस तरफ से पहुंचें गडासरू महादेव

चंबा से 72 किलोमीटर चुराह घाटी का मुख्यालय भंजराडू (तीसा) है। वहां से 25 किलोमीटर बैरागढ़ है। बैरागढ़ से 16 किलोमीटर चैंहणी पास पर देवीकोठी गांव है। आगे की यात्रा पैदल है। डल यात्री पहला पड़ाव देवीकोठी में बैरावाली चामुंडा माता के ऐतिहासिक मंदिर के प्रांगण में डालते हैं। दूसरा पड़ाव घने वन से गुजरने के बाद भ्रटा-किलोन नामक स्थान पर समतल मैदान में होता है। उसके बाद तुषार पर्वत की चढ़ाई पार कर यात्री रात को गौरीकुंड के पास गुफाओं में डेरा लगाते हैं। वहां से एक किलोमीटर चढ़ाई पार करने के बाद डल महादेव के दर्शन होते हैं। डल स्नान के बाद यात्री बांदर घाटी से होकर घर लौटते हैं। इसी मार्ग पर बाड़ा जंगल में तांबे की खान भी है।

यह बोले स्‍थानीय विधायक

विधानसभा उपाध्‍यक्ष एवं विधायक हंसराज का कहना है गडासरू महादेव चुराह क्षेत्र में पवित्र व रमणीक स्थल है। पर्यटक स्थल के साथ सामरिक दृष्टि से भी यह अति महत्वपूर्ण है। इसे सड़क सुविधा से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। सकलोगा-दुदरा सड़क को नोसराधार तक ले जाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। यात्रियों को अन्य सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया करवाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement