हिसार, NOI :- Frist INS Vikrant:  भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। नौसेना को देश का पहला स्वदेशी युद्धपोत मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आइएनएस विक्रांत को कल भारतीय नौसेना को सौंपा तो इस युद्धपोत से जुड़ी पुरानी यादें भी ताजा हो गईं। देश के पहले आइएनएस विक्रांत को ब्रिटेन भारत लाने वाली टीम में  हिसार के दीनानाथ गुप्ता भी शामिल थे। वह अपनी टीम के साथ इसे ब्रिटेन से मुंबई से लाए थे। उन्‍होंने इससे युद्धपोत से जुड़ी रोमांचक यादें सांझा की।  

ब्रिटिश नेवी से भारत ने 1961 में खरीदा था एचएनएस हरक्यूलिस जहाज, नाम रखा आइएनएस विक्रांत

बता दें कि भारत सरकार ने 1961 में आइएनएस विक्रांत को ब्रिटिश नेवी से खरीदा था। ब्रिटेश नेवी ने इसका नाम एचएनएस हरक्यूलिस रखा था। भारत ने जब इस जहाज को खरीदा तो इसका नाम बदलकर आइएनएस विक्रांत कर दिया। नवंबर में यह आइएनएस विक्रांत इंग्‍लैंड से आठ दिन की यात्रा करके भारत के मुंबई के तटीय क्षेत्र में पहुंचा।

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देश के पहले आइएनएस विक्रांत की फाइल फोटो। (दीनानाथ गुप्‍ता के सौजन्‍य से)

 मूलत: रावलपिंडी पाकिस्तान का रहने वाले थे दीनानाथ, नेवी में रह चुके हैं अफसर

दीनानाथ गुप्ता अब 85 वर्ष के हैं और शहर के सेक्टर 14 में परिवार के साथ रहते हैं। दीनानाथ गुप्ता ने कहा कि यह देश के गौरव का विषय है कि आजादी के बाद आज हमने देश का अपना पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत तैयार कर लिया है। इससे हमारी नौसेना की ताकत बढ़ेगी।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहकर दसवीं की थी, देहरादून में पढ़ाई कर नेवी ज्वाइन की थी

दीनानाथ गुप्ता ने बताया कि 1954 में उन्होंने देहरादून में पढ़ाई के दौरान नेवी ज्वाइन की थी। इसके बाद विशाखापट्नम में डेढ़ साल ट्रेनिंग ली। 1960 में भारत सरकार ने जहाज खरीदने का फैसला लिया और 1200 नेवी अफसरों व कर्मचारियों का एक दल इंगलैंड भेजा। उनकी टीम आइएनएस विक्रांत को लाने के लिए काफी उत्साहित थी।

पहले आइएनएस विक्रांत ने गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया था

उन्‍होंने बताया कि आइएनएस विक्रांत को भारत लाने के लिए नेवी अफसरों ने एक साल इंगलैंड में रहकर स्टेस्टिंग और ट्यूनिंग की ट्रेनिंग ली थी। तब जाकर भारतीय नौसेना पहला जहाज लेकर भारत पहुंची थी। इस जहाज में दो स्क्वार्डन थी अैर इसमें सी हाक और एलीजे एयरक्राप्ट लगे थे। इसी आइएनएस विक्रांत ने गोवा को पुर्तगालियों से आजाद करवाया था।

इंग्‍लैंड में हुआ था भव्य कार्यक्रम

दीनानाथ गुप्ता ने बताया कि इंगलैंड के नार्थ आरयलैंड में बेलफास्ट शीप यार्ड पर आइएनएस विक्रांत के रवानगी के समय भव्य कार्यक्रम हुआ था। इसमें कार्यक्रम में देश की हाई कमिश्नर पंडित विजयालक्ष्मी और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर लार्ड माउंटबेटन भी शामिल हुए थे। यह जहाज कमांडिंग आफिसर कैप्टन महेंदू के नेतृत्व में भारत आया था। दीनानाथ गुप्ता बतौर पेट्री आफिसर जहाज पर नियुक्त थे। पेट्री आफिसर का काम रेडियो रेडार पर रहता है।

देश विभाजन के समय परिवार के साथ भारत आए थे दीनानाथ गुप्‍ता, चंडीगढ़ से की थी ग्रेजुएशन

दीनानाथ गुप्ता का परिवार विभाजन के समय पाकिस्तान के रावलपिंडी से आकर उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के गांव गंगोह में रहने लगा। यहीं से दीनानाथ गुप्ता ने दसवीं की। उत्तराखंड के देहरादून से पढ़ाई के दौरान नेवी ज्वाइन की। इसके बाद शादी के बाद पंजाब के जिला फिरोजपुर में रहने लगे।

दीनानाथ गुप्‍ता ने 1963 में चंडीगढ़ यूनिसर्विटी से ग्रेजुएशन की। असम में पोस्टिंग के दौरान इनका परिवार रिश्तेदारों के कहने पर 1965 में हिसार आ गया। भारत -पाक के 1965 के युद्ध के बाद इन्होंने नेवी से की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। दीनानाथ गुप्ता अपनी पत्नी सरला गुप्ता के साथ रहते हैं और उनके दो बेटे और एक बेटी हैं।

भतीजे ने अपने बेटे का नाम विक्रांत रखा

दीनानाथ गुप्ता के भतीजे प्रदीप सर्राफ ने बताया कि 2002-2003 में जब आइएनएस विक्रांत सेवा मुक्त हुआ तो इसे सरकार ने म्यूजियम बना दिया। इसी की याद में उन्होंने अपने छोटे बेटे का नाम विक्रांत रखा था।

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