नई दिल्ली NOI :-  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि सरकार की प्राथमिकता बनी हुई है और मुद्रास्फीति नीचे गिरकर उस सीमा पर आ गई है, जहां उसे संभालना अधिक मुश्किल नहीं होगा। इंडिया आइडियाज समिट के उद्घाटन सत्र के बाद बोलते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और धन का समान वितरण जैसी बुनियादी चीजों पर हमारा फोकस अधिक है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति ने संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए निवेश के अवसर पैदा किए हैं। डिजिटल कॉमर्स के लिए भारत के ओपन नेटवर्क ने खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र में क्रांति ला दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस बारे में नए सुझावों पर गौर करने, परेशानियों को समझने और जहां तक संभव हो, उनको दूर करने की कोशिश करेंगी।

धीरे-धीरे कम हो रही महंगाई

वित्त मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में हैं। इसमें नौकरियां और धन का समान वितरण जैसी चीजें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि भारत विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ता रहे। मुद्रस्फीति के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर अब कोई खास चिंता नहीं है। हमने पिछले कुछ महीनों में दिखाया है कि हम इसे एक प्रबंधनीय स्तर पर लाने में सक्षम हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य कीमतों में नरमी के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति कम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन लगातार सातवें महीने रिजर्व बैंक के 6 प्रतिशत के कंफर्ट लेवल से ऊपर रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जून में 7.01 प्रतिशत और जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी। इस वित्त वर्ष में अप्रैल से जून तक यह 7 प्रतिशत से ऊपर थी।

कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस को लेकर अनिश्चितता

वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि रिजर्व बैंक, यूएस फेड और यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा दरों में आक्रामक वृद्धि के रुख से उभरने वाली अस्थिरता पर नजर रखेगा। COVID-19 महामारी के दौरान राजकोषीय प्रबंधन के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक 'टार्गेटेड' राजकोषीय नीति के साथ आगे बढ़ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न वैश्विक ऊर्जा संकट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता है। वित्त मंत्री ने पेमेंट प्रौद्योगिकी सहित अन्य सभी मामलों में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में प्रगाढ़ता लाने का आग्रह किया।

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