मेरठ NOI :-  मेरठ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पाने की गरीबों की आस टूट रही है। कई महीनों से बड़े पैमाने पर पात्र लाभार्थी किस्तों के लिए डूडा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन शासन से पर्याप्त बजट नहीं मिल रहा है। जिसके चलते डूडा कार्यालय में नए आवेदन लेने की प्रक्रिया ठप हो गई और पुराने आवेदन भी लंबित हैं।

180 करोड़ रुपये की डिमांड

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 23800 लाभार्थी हैं। जिनमें से करीब 3000 लाभार्थियों की प्रथम किस्त, 7500 लाभार्थियों की द्वितीय किस्त और 13400 लाभार्थियों की तृतीय किस्त दी जानी बाकी है। जिले से करीब 180 करोड़ रुपये की डिमांड है। इतनी धनराशि मिलने पर ही पात्र लाभार्थियों के आवास का सपना पूरा हो सकता है।

यह है तस्‍वीर

मालूम हो कि प्रथम और तृतीय किस्त में 50-50 हजार रुपये और द्वितीय किस्त में 1.50 लाख रुपये दिए जाते हैं। स्थिति ये है कि कई महीनों से प्रथम किस्त पाने वाले लाभार्थियों के आवास का फाउंडेशन के बाद काम रुका हुआ है तो द्वितीय किस्त पाने वाले लाभार्थियों को दीवारें खड़ी होने के बाद छत डालनी है। तृतीय किस्त मिले तो वह छत डालें। वैसे नियम तो ये है कि तीन माह में पात्र लाभार्थी का आवास बन जाना चाहिए।

10 माह से नहीं हुई डीपीआर की बैठक

शासन में नवंबर 2021 में डीपीआर स्वीकृति की बैठक अंतिम बार हुई थी। जिसके बाद से डूडा कार्यालय में जमा हुए करीब 2960 आवेदनों पर ही अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। आवेदन लंबित पड़े हैं। 10 माह से डीपीआर स्वीकृति की बैठक का अधिकारी इंतजार कर रहे हैं।

इनका कहना है

नए आवेदन लेने का काम बंद कर दिया है। चूंकि पुराने आवेदन ही बड़ी संख्या में लंबित हैं। पहले उनका निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद नए आवेदन लेंगे। इसकी मुख्य वजह बजट की कमी है।

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