पटना NOI :-  नीतीश कुमार की सरकार में कभी परामर्शी रहे प्रशांत किशोर (पीके) ने एक लंबे अंतराल के बाद मंगलवार की देर रात मुख्यमंत्री से मुलाकात की, ऐसी चर्चा जोर पकड़ रही है। किन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं  हो सकी है। दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसे नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है।

कभी साथ रहे नीतीश कुमार एवं प्रशांत किशोर के रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे हैं।  इधर के दिनों में दोनों एक-दूसरे के विरुद्ध नेता मुखर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार मुखमंत्री नीतीश कुमार एवं प्रशांत कियाोर  के बीच मध्यस्थता की जिम्मेदारी पवन वर्मा को सौंपी गई थी। बताया  जाता है कि 24 घंटे के अंदर ही पवन वर्मा इसमें सफल रहे। राज्यसभा सदस्य रह चुके पूर्व आइएफएस अफसर पवन वर्मा कभी नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके हैं। बताया जाता है कि विधानसभा के पिछले चुनाव के दौरान पवन वर्मा ही प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार के पास लेकर आए थे। बाद में नागरिकता संशोधन कानून आदि के मुद्दों पर नीतीश के रुख पर आपत्ति जताने के कारण पवन वर्मा जनता दल यूनाइटेड से बाहर हो गए थे। इसके बाद वे तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे।

विदित हो कि मुख्‍यमंत्री को हाल के दिनों में घेरते रहे प्रशांत किशोर ने अपने ताजा बयान में तंज कसा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी और नीतीश के बीच फोविकोल का जोड़ है। सत्‍ता में रहने की ऐसी बाजीगरी केवल नीतीश कुमार ही कर सकते हैं, इसलिए फेविकोल को कि उन्‍हें अपना ब्रांड एंबेसडर बना लेना चाहिए। नीतीश कुमार भी प्रशांत किशोर के लिए तंज भरे लहजे का प्रयोग करते रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा है कि उनकी नीतीश कुमार से कोई व्‍यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मुख्‍यमंत्री भी उनसे नाराज नहीं हैं। इस बीच दोनों नेताओं की मुलाकात की चर्चा के मायने तलाशे जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी विपक्षी एकता की मुहित में सभी बिछड़े स‍हयोगियों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर से मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, इसकी पुष्टि अभी शेष है

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement