Flood in Gorakhpur: इतिहास बन गया गोरखपुर का यह गांव, सरयू नदी में विलीन हुआ गांव का अंतिम घर- कई अन्य गांवों पर भी खतरा
गोरखपुर NOI :- गोरखपुर के एक गांव का बचा एक अंतिम घर भी सरयू नदी में विलीन हो गया। बड़हलगंज के गोनघट गांव में एकमात्र बचा शंकर का मकान भी मंगलवार की रात को सरयू नदी में कटकर विलीन हो गया। अब यह गांव केवल कागज में रह गया है। जमीन पर अब इसका कोई अवशेष नहीं बचा है।
नदी में समा गए एक-एक कर सभी घर
दो दशक पूर्व इस गांव में सरयू नदी ने कटान करना शुरू किया। किसी को यह अनुमान नहीं रहा होगा कि प्रशासन इस गांव को बचा नहीं सकेगा लेकिन इस गांव का वही हश्र हुआ जो जगदीशपुर, कोलखास व कोटियादीप शाह का हुआ। कोलखास व कोटियादीपशाह तो एक दशक पूर्व और जगदीशपुर गांव बीते वर्ष आठ सितंबर को कागज में सिमट गया। जब गांव में बचे संजय पांडेय की अंतिम मकान को राप्ती ने अपने आगोश में ले लिया था। जो हाल गोनघट गांव का रहा, वही कहानी हर गांव की है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के एक गांव का बचा एक अंतिम घर भी सरयू नदी में विलीन हो गया। बड़हलगंज के गोनघट गांव में एकमात्र बचा शंकर का मकान भी मंगलवार की रात को सरयू नदी में कटकर विलीन हो गया। अब यह गांव केवल कागज में रह गया है। जमीन पर अब इसका कोई अवशेष नहीं बचा है।
नदी में समा गए एक-एक कर सभी घर
दो दशक पूर्व इस गांव में सरयू नदी ने कटान करना शुरू किया। किसी को यह अनुमान नहीं रहा होगा कि प्रशासन इस गांव को बचा नहीं सकेगा लेकिन इस गांव का वही हश्र हुआ जो जगदीशपुर, कोलखास व कोटियादीप शाह का हुआ। कोलखास व कोटियादीपशाह तो एक दशक पूर्व और जगदीशपुर गांव बीते वर्ष आठ सितंबर को कागज में सिमट गया। जब गांव में बचे संजय पांडेय की अंतिम मकान को राप्ती ने अपने आगोश में ले लिया था। जो हाल गोनघट गांव का रहा, वही कहानी हर गांव की है।
कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
उधर, ग्रामीण क्षेत्र में राप्ती व सरयू नदी का तांडव जारी है। बुधवार तक दो दर्जन से अधिक गांवों की लगभग पच्चीस हजार से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है। बाढ़ का पानी अब आबादी वाले क्षेत्रों में बढ़ रहा है और लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हैं। उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों व पशुओं के लिए चारा का संकट खड़ा हो गया। प्रशासन ने आनन-फानन में दो दर्जन नावों को आवागमन के लिए लगवा दिया है। राप्ती का जलस्तर बढ़ने से लखनौरी, लखनौरा, खोहियापट्टी, बिहुआ उर्फ अगलगौवा, हिगुंहार, सुबेदारनगर माझा, नेतवारपट्टी, मरकड़ी, भटपुरवा, कोईलीखाल और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से जैतपुर, कोटियानिरंजन, खैराटी, गोनहा, मुसाडोही, ज्ञानकोल, कोलखास, बल्थर, अजयपुरा, गोरखपुरा, बरडीहा, भयपुरा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैृ
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