पालमपुर NOI :-  भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार संघ ने केंद्र सरकार से 2014 में किया वादा पूरा करने की मांग की है। वहीं ई श्रम कार्ड धारकों को प्रति माह तीन हजार रुपये सहायता देने की अपील की है। उपमंडल धीरा में भवन एवं अन्य संनिर्माण कामगार संघ के प्रदेश महासचिव रविंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली बैठक में उन्होंने असंगठित श्रमिकों को संबोधित करते कहा कि सरकारें कभी भी मजदूरों के लिए कोई घोषणापत्र जारी नहीं करती है। भारत सरकार ने 2014 में न्यूनतम वेतन 18000 मासिक करने का वादा किया था। लेकिन आठ साल के बाद भी श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 18 रुपये नहीं मिल पाए है।
कोरोना महामारी के दौरान उद्योगों में कार्यरत हजारों मजदूरों की नौकरी छूट गई। वहीं उद्योगपतियों ने श्रमिकों की तनख्वाह भी कम कर दी। लाकडाउन के दौरान कामगारों को अनेकों यातनाएं सहनी पड़ी, लेकिन भारत सरकार ने किसी तरह की सहायता न करके श्रमिकों को धक्के खाने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के दखल से श्रमिक ट्रेन चली। कई मजदूर दुर्घटनाओं में मारे गए। उन्होंने न्यायलयों में श्रमिकों के मामलों को 6 माह में निपटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ई श्रम कर धारक करोड़ों मजदूर विभिन्न क्षेत्रों में असंगठित कामगार के रूप में काम करते हैं, उन्हें 3000 रुपये मासिक सहायता दी जाए ताकि वह इस महंगाई के युग में अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। इस मौके पर बड़ी संख्या में मजदूर व उनके परिवार सदस्य मौजूद रहे।

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