Decreased yield : बारिश ने मुंह मोड़ा, हाथरस में आधे से भी कम हुई कपास की पैदावार
पूरी मंडी में नहीं दिख रही सौ क्विंटल कपास : market committee में कपास की बंपर आवक होने से पूरा परिसर सफेद-सफेद बादलों की तरह दिखा करता था। आढ़ती बताते हैं कि इन दिनों दुकानों पर सौ-सौ क्विंटल कपास प्रतिदिन आती थी। अब अधिकतर दुकानें खाली पड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्र में फसल की आवक कम होगी। इसका कारण इन दिनों हो रही बारिश से पका हुआ फूल नष्ट हो जाएगा। वहीं रोगों से पैदावार प्रभावित हुई है।
3140 हेक्टेयर में उगाई गई कपास की फसल : जिले में कपास की खेती 3140 हेक्टेयर में की गई। किसानों ने बताया कि सबसे अधिक कपास फसल मुरसान, सासनी व सादाबाद क्षेत्र में होती है। इसमें आरजी-8, अमेरिकन, हाइब्रिड की प्रजातियां शामिल हैं। इस बार बीज के अंकुरित होने के बाद बारिश नहीं होने से वह पूरी तरह विकसित नहीं हो सका। इससे कई जगह किसानों को जुताई कर दोबारा फसलों की बोआई करनी पड़ी। उसके बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ।
कम आवक से बढ़ी कपास की कीमतें : मंडी में कपास की आवक कम होने से कीमतों में भी उछाल आ गया है। इस बार कपास सात से आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही हैं। वहीं पिछली साल इसकी कीमत छह हजार से साढ़े छह हजार के बीच रह गई थी। मंडी सचिव यशपाल सिंह ने बताया कि मंडी समिति में वर्ष 2021 में 9170 क्विंटल आवक हुई थी। इसके मुताबिक अभी 10 फीसद भी आवक मंडी में नहीं हुई है।
इनकी सुनो
कपास की पैदावार इस वर्ष काफी कम हुई है। बारिश कम होने से पौधा पनप ही नहीं पाया। इस किसानों को लागत भी इस खेती में निकालना मुश्किल हो गया है।
- शान मुहम्मद, किसान
कपास की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा रही है। इस बार कपास की पैदावार गिरने किसानों को नुकसान हुआ है। बारिश के अलावा बीज भी खराब मिलने से पैदावार गिरी है।
इनकी सुनो
कपास की पैदावार इस वर्ष काफी कम हुई है। बारिश कम होने से पौधा पनप ही नहीं पाया। इस किसानों को लागत भी इस खेती में निकालना मुश्किल हो गया है।
- शान मुहम्मद, किसान
कपास की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा रही है। इस बार कपास की पैदावार गिरने किसानों को नुकसान हुआ है। बारिश के अलावा बीज भी खराब मिलने से पैदावार गिरी है।
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