हिसार प्रशासन की नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, अवैध तरीके से बने मकानों को गिराया, देखें तस्वीरें
यह कदम जिला प्रशासन की तरफ से उठाए गया है। 2 दिन पहले ही मकान के बाहर मकान तोड़ने का नोटिस चस्पा किया गया था। वीरवार सुबह करीब 10:00 बजे पुलिस स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम आंबेडकर बस्ती में पहुंचे उस समय दोनों मकानों से सामान बाहर नहीं निकाला गया था। ऐसे में उनकी टीम ने खुद सामान बाहर निकाला और बिजली के कनेक्शन हटाए। इसके बाद ही पुलिस ने मकान तोड़ने को लेकर अपनी कार्रवाई शुरू की।
बस्ती के प्रधान के अनुसार
आंबेडकर बस्ती प्रधान ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस ने अब कार्रवाई की है। पहले नोटिस लगाकर 2 महीने का समय दिया होता तो परिवार को रहने के लिए कोई जगह मिल जाती। अब वह कैसे रहेंगे। अगर नशे पर प्रशासन को उनको से लगाना है तो नशा बेचने वाले या व्यापार करने वाले को ही रुकना होगा। पाकिस्तान से खुलेआम नशा आ रहा है। सरकार उसको कुछ नहीं कर रही। बॉर्डर पर सेना और पुलिस तैनात है। इसके बावजूद इतना नशा देश में आ रहा है।
शहर के अंबेडकर बस्ती में करीब मकान है। प्रशासन के अनुसार यह सभी मकान सिविल अस्पताल की जमीन पर बने हुए हैं, जो अवैध रूप से कब्जा है। इस कब्जे को हटवाने के लिए और नशा तस्करों द्वारा नशा बेचकर कमाए गए पैसों से बनाए मकानों को तोड़ना है। काफी सालों से सिविल अस्पताल की जमीन पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है। अब कार्रवाई होना शुरू हो गई है।
यह है मालिक
एक मकान मालिक कुलदीप है, जिसके परिवार में उसकी पत्नी और उसकी मां व दो बेटे और एक बेटी है। पुलिस के अनुसार कुलदीप पर 4 केस दर्ज है और उसकी मां पत्नी व बेटे पर एक एक केस दर्ज है। यह सभी एनडीपीएस के केस दर्ज है।
दूसरा मकान मालिक रामफल है जिसकी काफी साल पहले मौत हो गई थी। वह बकरा और भेड़ बेचने का काम करता था। रामफल की मौत के बाद उसकी पत्नी कविता उर्फ काली ने घर की बागडोर संभाली और नशा का काम शुरू कर दिया। कविता पर एनडीपीएस की करीब 14 मुकदमे दर्ज है। फिलहाल वह माह से जेल में है। उसके परिवार में दो बेटे व एक बेटी है। कविता ने नशा तस्करी का काम शुरू के बाद ही मकान बनाया था।
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