Kanpur News: दुबई, सऊदी, कुवैत में नौकरी की आस लगाए युवाओं को नहीं मिल रही पीसीसी, डेढ़ माह से हैं प्रतीक्षारत
- केस-1 : कानपुर देहात निवासी सुमित ने बताया कि बड़े भाई अमित ने कुवैत जाने के लिए पासपोर्ट बनवाया था। दो माह पहले पता चला कि पीसीसी अनिवार्य कर दिया गया है। अब एक माह से पीसीसी मिलने का इंतजार है।
- केस-2 : बांदा निवासी सोहम ने बताया कि नौकरी के लिए दुबई जाने की तैयारी पूरी हो चुकी थी। पासपोर्ट बनने के बाद पता चला कि वहां पीसीसी के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा। करीब 22 दिन हो चुके हैं और अभी तक पीसीसी नहीं मिल सका है।
पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि खाड़ी देशों में जाने वाले लोगों के लिए पीसीसी अनिवार्य कर दिया गया है। इस वजह से पीसीसी के लिए आवेदन तेजी से बढ़े हैं। पीएसके पर स्लाट की कमी है और पीसीसी के आवेदन करने के बाद एक से डेढ़ माह बाद की तारीख दी जा रही है। एक दिन में 155 के करीब पीसीसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी होती है। उन्होंने बताया कि शनिवार को अवकाश के दिन भी कर्मचारी काम करके प्रतीक्षा सूची घटाने में जुटे हैं।
पीसीसी के बारे में जानें
पीसीसी एक पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र है, जिसे पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी कहा जाता है। इसमें पूरी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो एक पासपोर्ट बनाने के समय होती है। पीसीसी बनवाने के लिए आनलाइन आवेदन करना होता है और पुलिस आवेदक के आपराधिक ब्योरे का सत्यापन करके रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय में जमा कराती है। पुलिस की अनापत्ति के बाद ही पीएसके पीसीसी जारी करता है। यह सर्टिफिकेट केवल छह माह के लिए ही वैध होता है।
रोजगार की तलाश में युवा खाड़ी देशों का रुख कर रहे हैं। सऊदी, कुवैत, दुबई में पीसीसी अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए आवेदनों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। स्टाफ कम है, इसलिए समय पर पीसीसी जारी नहीं हो पा रहे हैं। आवेदकों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े, इसके लिए भी व्यवस्था बनाई जा रही है।
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