यूपी में लखनऊ के बाद अब कानपुर में होगी पैट स्कैन मशीन, जो बताएगी शरीर के किस अंग में छिपा है कैंसर
कानपुर, NOI :- शरीर के किसी भी अंग में छिपे कैंसर का अब समय रहते आसानी से पता लगाया जा सकेगा। यह भी पता चल जाएगा कि शरीर के किस अंग में कैंसर कोशिकाएं विकसित हो रही हैं। शुरुआती अवस्था में कैंसर का पता लगने से मरीज की जान बचाने में मदद मिलेगी।
इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज में अत्याधुनिक पैट स्कैन (पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी) मशीन मंगाने की तैयारी है। यह पहला राजकीय मेडिकल कालेज है, जहां मशीन मंगाई जा रही है। अभी सिर्फ लखनऊ के एसजीपीजीआइ में ही यह मशीन हैं।
कानपुर में एम्स जैसा इलाज देने की तैयारी
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मेडिकल कालेज में गणेश शंकर सुपर स्पेशलिटी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (जीएसवीएसएस पीजीआइ) बनाया गया है, जहां एम्स स्तरीय इलाज मरीजों को मुहैया कराया जाना है। जीएसवीएसएस पीजीआइ में सुपर स्पेशलिटी विभाग न्यूरो सर्जरी, यूरोलाजी, गैस्ट्रोइंटोलाजी, नेफरोलाजी और न्यूरो रेडियोलाजी की सुविधा शुरू हुई है।
यहां मिलेगी कैंसर की अत्याधुनिक जांच सुविधा
यहां कैंसर की अत्याधुनिक जांच की सुविधा के प्रयास शुरू हो गए हैं। मेडिकल कालेज से लेकर जेके कैंसर संस्थान के विशेषज्ञ कैंसर का पता लगाने के लिए अलग-अलग अंगों के लिए अलग-अलग एमआरआइ एवं सीटी स्कैन जांच कराते हैं, फिर उसके आधार पर इलाज करते हैं।
उसके बाद भी कैंसर कोशिकाओं की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाता है, जिससे कैंसर की स्टेज बदलती जाती है। इस परेशानी से प्राचार्य ने शासन को अवगत कराया था, इस पर लखनऊ में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) की अध्यक्षता में हुई बैठक में पैट स्कैन मशीन खरीदने पर सहमति जताई गई।
पैट स्कैन मशीन से ऐसे होती जांच
पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी यानी पैट स्कैन मशीन की मदद से कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों को आसानी से पहचाना जा सकता है। जांच से पहले मरीज को विशेष प्रकार के ग्लूकोज के साथ रेडियो आइसोटोप का इंजेक्शन देते हैं, जो सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में पहुंचता है। इन कोशिकाओं से पाजिट्रान निकलते हैं, जिसे मशीन के रेडियो एक्टिव आइसोटोप पकड़ लेते हैं। तस्वीर स्पष्ट होने से पता चल जाता है कि किस अंग से कैंसर कोशिकाओं के सिग्नल आ रहे हैं। इसकी मदद से प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लग जाता है।
मशीन के बारे में जानकारी
- 10 करोड़ रुपये मशीन की अनुमानित कीमत।
- 9 हजार रुपये एसजीपीजीआइ में जांच कराने में खर्च होते हैं।
- 36 हजार रुपये में निजी क्षेत्र के अस्पतालों में होती है जांच।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्राचार्य प्रो. संजय काला का कहना है कि पैट स्कैन मशीन खरीदने के लिए अनुमति प्रदान की गई है। सरकारी क्षेत्र में यह मशीन सिर्फ लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में ही है। मेडिकल कालेज की फैकल्टी की बैठक बुलाकर जल्द ही इसका प्रस्ताव तैयार कराएंगे।
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