नई दिल्ली NOI :- बारिश थमने और मानसून 2022 के  विदा होने के साथ ही दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के आसपास है तो एनसीआर के कई शहरों ें AQI 200 के पार चला गया है।

पंजाब-हरियाणा में जलने लगी पराली

इस बीच मौसम में बदलाव के बीच उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार से रविवार तक तीन दिनों में ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने के 193 मामले सामने आए हैं। इसमें पंजाब पहले, उत्तर प्रदेश दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर है।

दिल्ली-एनसीआर के मुश्किल बढ़ाएगा पराली का धुआं

पिछले साल पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली को जलाने से रोकने के लिए किए गए तमाम उपाय भी नाकाफी साबित हुए हैं। इस साल भी 18 सितंबर से पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की जाने लगी थीं। 21 सितंबर को पराली जलाने की 56 और 22 सितंबर को 30 घटनाएं दर्ज की गई थीं।

यह अलग  बात है कि इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ और मध्य प्रदेश के ऊपर बने कम हवा के दबाव क्षेत्र के चलते पूरे उत्तर भारत में अच्छी वर्षा हुई। खेतों में पानी भर गया और नमी के चलते पराली जलाने की घटनाएं भी एकदम रुक गईं, लेकिन अब ये सिलसिला फिर से जोर पकड़ रहा है।

पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) की रियल टाइम मानिटरिंग के मुताबिक, 23 से लेकर 29 सितंबर तक पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई, पर खेतों के सूखने के साथ ही अब फिर से पराली जलाने की घटनाएं देखने में आ रही हैं।

हरियाणा में सबसे कम जली पराली

अभी तक सबसे अधिक 136 मामले पंजाब में सामने आए हैं। 49 उत्तर प्रदेश में व आठ मामले हरियाणा में सामने आए हैं। दूसरी तरफ इस बार चार से 10-12 अक्टूबर तक बीच-बीच में हल्की वर्षा होने का अनुमान है। इसके बाद पराली जलाने में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

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